नई दिल्ली, 21 मई 2025 : आईपीएल 2025 (IPL 2025) का समापन भले ही हो गया हो, लेकिन इस सीजन ने भारतीय क्रिकेट को एक ऐसा नायाब हीरा दिया है, जिसकी चमक आने वाले सालों तक क्रिकेट के मैदान पर बिखरती रहेगी। बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर गांव से निकले 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने अपने दमदार प्रदर्शन से न केवल फैंस को चौंकाया, बल्कि दिग्गज क्रिकेटरों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।
मंगलवार, 20 मई को वैभव ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ अपनी आखिरी पारी में 33 गेंदों पर 57 रन की शानदार और समझदारी से भरी पारी खेली। अपनी इस पारी से उन्होंने यह साबित कर दिया कि उनके खेल में न सिर्फ आक्रामकता है, बल्कि परिस्थितियों को समझकर खेलने की परिपक्वता भी है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत शार्दुल ठाकुर की गेंद पर छक्का लगाकर की थी — यह उस आत्मविश्वास की पहली झलक थी जो पूरे सीजन में दिखती रही।
वैभव ने 7 मैचों में कुल 252 रन बनाए, उनका स्ट्राइक रेट रहा 206.56 और औसत रहा 36.00 — ये आंकड़े किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए अविश्वसनीय हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने इस सीजन में आईपीएल इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक भी जड़ा।
महज 14 साल के इस बल्लेबाज की क्रिकेट यात्रा असाधारण रही है। 27 मार्च 2011 को जन्मे वैभव ने 2024 में सिर्फ 12 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में बिहार के लिए डेब्यू किया था। फिर 13 की उम्र में उन्होंने भारत ए की ओर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर-19 स्तर पर 58 गेंदों में 100 रन ठोककर सबसे तेज़ शतक का रिकॉर्ड बना दिया।
राजस्थान रॉयल्स की नज़र जब वैभव पर पड़ी, तो उन्होंने नागपुर में ट्रायल के लिए बुलाया। वहां कोच विक्रम राठौर और हाई परफॉर्मेंस निदेशक जुबिन भरूचा उनके प्रदर्शन से इतने प्रभावित हुए कि आईपीएल 2025 की नीलामी में राजस्थान ने उन्हें 1.10 करोड़ रुपये में खरीद लिया।
वैभव का साहसिक खेल, उम्र से परे उनकी सोच और बल्लेबाजी का हुनर आने वाले समय में भारत को एक और बड़ा क्रिकेट सितारा देने का संकेत है। ‘बिहार के लाल’ ने यह दिखा दिया है कि टैलेंट उम्र का मोहताज नहीं होता — बस मौका और मंच मिलना चाहिए।