इस नई नीति में एमएसएमई के लिए सब्सिडी में भारी वृद्धि की गई है। पहले जहां इन उद्योगों को 80 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर ढाई करोड़ रुपये कर दिया गया है।