दिल्ली के अलावा, आसपास के शहरों में भी प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। फरीदाबाद में एक्यूआई 237, गुरुग्राम में 328, गाजियाबाद में 290, ग्रेटर नोएडा में 223 और नोएडा में 261 अंक दर्ज किया गया है।
गोपाल राय ने सोशल मीडिया के जरिए बताया, "प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम का निर्णय लिया है।
इसके साथ-साथ अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सांस और आंखों के मरीज की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
दिल्ली के पड़ोसी शहरों में, हरियाणा के फरीदाबाद में एक्यूआई 165 था जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है, जबकि गुरुग्राम में एक्यूआई 219 था, जो ‘खराब’ श्रेणी में गिना गया।
यह निर्णय अधिकारियों के साथ प्रदूषण समीक्षा बैठक के बाद लिया गया। राय ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीएस-3 पेट्रोल वाहनों और बीएस-4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध जारी रखने पर जोर दिया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि प्रदूषण सिर्फ हवा या पानी में ही नहीं है बल्कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की नीयत में भी है।