केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान में दावों का खंडन किया और कहा कि सूचकांक "भूख' का एक त्रुटिपूर्ण माप बना हुआ है और भारत (India) की वास्तविक स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करता है।"