उन्होंने इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा, "मुझे पीएम सर से अपने रिटायरमेंट पर यह खास लेटर मिला। हॉकी मेरी जिंदगी है और मैं इस खेल की सेवा करना जारी रखूंगा।
एफआईएच प्रो लीग के समापन के बाद भारत 7वें स्थान पर था क्योंकि उसका अभियान अच्छा नहीं रहा था।
टोक्यो ओलंपिक ने भारतीय हॉकी की कहानी बदलकर रख दी है। इस ओलंपिक से पहले भारतीय पुरुष हॉकी टीम 2016 के रियो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी।
भारत ने छह में से अपने पांच मैच जीते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण पीआर श्रीजेश की स्मार्ट गोलकीपिंग और भारतीय खिलाड़ियों की पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने का कन्वर्जन रेट है।
भारत शुक्रवार को तीसरे स्थान के मैच में जापान से खेलेगा और जीत हासिल कर पेरिस ओलंपिक का टिकट हासिल करेगा।
दीपिका ने 15वें मिनट में गोल किया, जबकि सलीमा टेटे ने 26वें मिनट में भारत की बढ़त दोगुनी कर दी। चीन का एकमात्र गोल जियाकी झोंग ने 41वें मिनट में किया।
2021 में भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey) ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक का हासिल करने के लिए 41 साल का सूखा समाप्त किया। उनके सामने अब और लंबे सूखे को समाप्त करने का मौका है-- पुरुष हॉकी विश्व कप, जिसके लिए भारत को 47 साल का इंतजार है।