मुख्यमंत्री चौहान राज्य की दो दशक पहले की स्थिति का हवाला देते हुए कांग्रेस पर हमला करते रहते हैं और बीते दो दशकों में राज्य में हुए काम के चलते बीमारु राज्य का कलंक उतारने का दावा भी करते हैं।
संभावना है कि नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। यह चुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए खासी अहमियत वाले होंगे। इस बात से दोनों राजनीतिक दल वाकिफ हैं।
ज्ञात हो कि राज्य के कुछ भाजपा नेताओं के बयान आ रहे हैं, वे पार्टी और सरकार दोनों पर हमलावर हैं। इन नेताओं के बयान पार्टी के लिए मुसीबत तो बन ही रहे हैं, विपक्षी कांग्रेस को हमला करने का मौका भी दे रहे हैं।
कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है, शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार पर एक्शन नहीं करते, बल्कि हर एक्शन में भ्रष्टाचार करते हैं।
बीते वर्षों में भाजपा ने एक ही जन आशीर्वाद यात्रा निकाली है, इसको लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने हमला बोला है।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, "वर्तमान से मुंह मोड़ना और कभी भूतकाल तो कभी भविष्य काल में जीना शिवराज सरकार का अमृतकाल बन गया है।"
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा तो घोषित नहीं किया है, मगर कमलनाथ को आगे रखकर राज्य के नेता चुनावी मैदान में जा रहे हैं।
कमलनाथ ने टवीट कर कहा, "डबल इंजन की भाजपा सरकार ने पहले से ही महंगाई से त्रस्त मध्यप्रदेश की जनता पर बढ़े हुए बिजली बिलों से महंगाई का डबल वार किया है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित राज्य की सबसे बड़ी सरकारी इमारतों में से एक सतपुड़ा (Satpura) भवन में लगी आग पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा सवाल उठाया है।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assemby polls) से पहले सौगातों और वादों की बरसात हो रही है।