इस बीच, इजरायली सेना ने गुरुवार को कहा कि इजरायली रक्षा बलों ने बेका में हिज़्बुल्लाह द्वारा रणनीतिक हथियारों के निर्माण और भंडारण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली साइट पर दिन में हवाई हमला किया।
हिजबुल्लाह महासचिव ने कहा, "पिछले 60 दिनों में, इजरायल ने कई उल्लंघन किए हैं। समझौते में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इजरायल को लिटानी नदी से आगे पीछे हटना होगा।"
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि घायलों में 12 महिलाएं और इस्लामिक स्काउट एसोसिएशन का एक सदस्य भी था जो मानवीय बचाव मिशन का काम कर रहा था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इजरायली हमले का लक्ष्य दक्षिण बेरूत के बाहरी इलाके में स्थित ज्नाह क्षेत्र में स्थित रफीक हरीरी विश्वविद्यालय का अस्पताल था।
गुरुवार को मंत्रालय ने बताया कि 15 अक्टूबर को लेबनान के अलग-अलग इलाकों में हुए इजरायली हवाई हमलों में मृतकों की संख्या 17 और घायलों की संख्या 182 हो गई।
दोनों मंत्रियों ने बढ़ते क्षेत्रीय, राजनीतिक और सुरक्षा संकटों के समाधान पर चर्चा की। मिस्र और जॉर्डन के अन्य देशों के साथ संपर्कों की समीक्षा की, ताकि क्षेत्र को व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में फंसने से रोका जा सके।
गुरुवार को हुए हमलों में बड़े पैमाने पर विस्फोट हुए, जिसकी गूंज दूर तक सुनाई दी और लेबनान की राजधानी की इमारतें हिल गईं।
प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि उत्तरी इजरायल में 60 हजार से ज्यादा लोग अपने घरों से विस्थापित हैं।
बता दें इजरायल ने लेबनान में जमीनी सैन्य ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने अभियान को 'सीमित, स्थानीय और लक्षित' जमीनी अभियान बताया है।
नसरल्लाह, 30 साल की उम्र में 1992 में हिजबुल्लाह का महासचिव बना था। अगले 32 वर्षों में उसने हिजबुल्लाह को न सिर्फ लेबनान बल्कि मध्य पूर्व की एक बड़ी ताकत बना दिया