रेडियोलॉजी और जेएचएलटी ओपन में प्रकाशित अध्ययन में टीम ने बताया वे परफ्लुओरोप्रोपेन नामक एक विशेष गैस का उपयोग कैसे करते हैं, जिसे एमआरआई स्कैनर पर देखा जा सकता है।
एलर्जी की स्थिति के कारण बच्चों के फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो जाती है और यह बाद में पुरानी श्वसन बीमारी का कारण बन जाती है।
एक शोध से यह बात सामने आई है कि 12 सप्ताह तक चुकंदर (Beetroot) का रस लेने से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीड़ित लोगों में सुधार हुआ है।
एक अध्ययन में पता चला है कि कोविड-19 (COVID - 19) का कारण बनने वाला वायरस सार्स सीओवी-2 कुछ व्यक्तियों के फेफड़ों में संक्रमण के बाद 18 महीने तक रह सकता है।