रेडियोलॉजी और जेएचएलटी ओपन में प्रकाशित अध्ययन में टीम ने बताया वे परफ्लुओरोप्रोपेन नामक एक विशेष गैस का उपयोग कैसे करते हैं, जिसे एमआरआई स्कैनर पर देखा जा सकता है।