जनदर्शन में पहुंचे महंत स्वामी अनुसुइया दास जनदर्शन की व्यवस्था देखकर गदगद हुए । उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि वर्षों बाद शुरू हुआ