हालांकि, मोटापा या फिर शुगर की वजह से मरीज के जीवित रहने या फिर कैंसर की चपेट में दोबारा आने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की टीम ने 1,006 अमेरिकी वयस्कों पर सर्वे किया। जिसमें पता चला कि लोग प्रिस्क्रिप्शन के विकल्पों की तलाश में हैं क्योंकि उनके पास पर्याप्त पैसा नहीं है और बीमा कवरेज का आभाव है।
जर्नल ऑफ प्रोटीन रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन में "मस्तिष्क में मास्टर जैविक घड़ी" के बारे में बताया गया।
डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित निष्कर्ष 30,000 लोगों के डेटा पर आधारित थे, जिनको लगभग 8 वर्षों तक निगरानी में रखा गया।
मोटापे से राहत के लिए मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के एक भारतीय मूल के इंजीनियर ने एक नया 'वाइब्रेटिंग कैप्सूल' विकसित किया है।
खराब जीवनशैली (Bad lifestyle) की आदतें, मोटापा, नींद की कमी के अलावा जंक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन युवाओं के साथ ही किशोरों में भी रक्तचाप (BP)
मोटापा आज दुनिया के सामने सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन गया है। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया मेें लगभग 2.3 अरब बच्चे और वयस्क अधिक वजन और मोटापे के साथ जी रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, मोटापा मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मेटाबोलिक सिंड्रोम, बांझपन, माइग्रेन, स्लिप डिस्क, घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस सहित कई बीमारियों का कारण बन सकता है और इससे कैंसर का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।