बता दें कि इससे पहले गुरुवार को इजरायली अधिकारियों ने कहा था कि सेना गाजा-मिस्र सीमा से हटने के लिए तैयार नहीं है, जबकि संघर्ष विराम समझौते में शनिवार तक वापसी की बात की गई थी।
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इन प्रस्तावों को "अधूरा समाधान" बताया, जो संघर्ष को समाप्त करने के बजाय उसे और लंबा खींच सकते हैं।
हमास की ओर से अब तक सभी बंधकों को बड़े समारोह में रिहा किया लेकिन, हिशाम अल-सईद को गाजा शहर में सार्वजनिक कार्यक्रम के बिना रेड क्रॉस को सौंप दिया गया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने और रुबियो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के "गाजा के भविष्य के लिए साहसिक दृष्टिकोण" पर एक "बहुत महत्वपूर्ण" चर्चा की।
बयान में बताया गया कि औद्योगिक, वाणिज्यिक, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और संचार क्षेत्रों के नुकसान के कारण 50 अरब डॉलर से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हुआ है।
इससे पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल को अभी भी हमास की तरफ से रविवार को रिहा किए जाने वाले बंधकों की सूची नहीं मिली है। इस वजह से संघर्ष विराम की शुरुआत में देरी होगी।
हमास द्वारा संचालित गाजा मीडिया कार्यालय ने शनिवार शाम को बताया कि सप्ताहांत में लगभग 92 इजरायली हवाई हमलों और गोलाबारी की घटनाओं के दौरान कम से कम 184 लोग मारे गए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इससे पहले गाजा शहर के पश्चिम में अल-शिफा अस्पताल के एंट्री गेट के पास हुए हवाई हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और कुछ घायल हो गए थे।
गाजा में सिविल डिफेंस के प्रवक्ता महमूद बसल ने सिन्हुआ को बताया कि हमले में दो महिलाओं सहित चार लोगों की मौत हुई तथा कई अन्य अभी भी मलबे के नीचे लापता हैं।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का समर्थन किया हो। इससे पहले वह फिलिस्तीन के पक्ष में कई बार आवाज उठा चुकी हैं। इतना ही नहीं प्रियंका गांधी ने भारत सरकार से फिलिस्तीन के साथ खड़े होने की वकालत भी की थी।