इस साल जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह में इस यात्रा को ऐसी ही प्राकृतिक आपदा की नजर लगी थी, लेकिन, हालात सामान्य हुए तो एक बार फिर से यात्रा को शुरू कर दिया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने जितने भी नए विचार दिये, नए विज्ञान दिये, उनका संबंध किसी न किसी सांस्कृतिक केंद्र से है।
बालटाल से मंदिर तक की 13 किमी लंबी यात्रा कुछ सबसे जोखिम भरे पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरती है, जहां लोकल गाइड और पोनीज तीर्थयात्रियों के काम आते हैं।
तीन मई 2022 को अक्षय तृतीया के मौके पर चारधाम यात्रा की शुरूआत हुई थी और अब शीतकाल के लिए धामों के कपाट बंद होने के क्रम शुरू हो रहे हैं।