लखपतो देवी, जो बिहार के रोहतास जिले की निवासी हैं, अपने परिवार के साथ 23 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला में आई थीं।
इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि सात लोग घायल हुए हैं। इस हादसे में चाचा-भतीजे की भी मौत हुई है।
कहीं सुरों की सरिता तो कहीं उत्तर प्रदेश के लोकनृत्य की बयार बहेगी। कहीं रामलीला का मंचन होगा तो कहीं कलाकार शबरी की प्रतीक्षा को दर्शाएंगे।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के लोगों को कुंभ जाने से रोकने के लिए प्रयागराज की ओर
महाकुंभ का यह अंतिम चरण श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इसके मद्देनजर प्रशासन भी तैयारियों में जुटा हुआ है।
कैनबरा में इनोवेशन लेक्चर थियेटर में भारतीय उच्चायोग के ऑस्ट्रेलिया की हिंदू परिषद के साथ साझेदारी में 'पवित्र जल: महाकुंभ 2025 की भावनाएं और पैमाना' कार्यक्रम आयोजित हुआ।
वहीं प्रयागराज की ओर जा रहे वाहनों में सवार लोगों से कुछ समय इंतजार करने अथवा वापस लौटने की पुलिस व प्रशासन की ओर से लगातार अपील भी की जा रही है।
प्रयागराज की पावन धरा पर सोमवार को देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कदम रखेंगी और इसकी भव्यता व दिव्यता की साक्षी बनेंगी।
महाकुंभ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि यहां एलोपैथी के 23 अस्पतालों में साढ़े चार लाख से अधिक मरीजों का उपचार किया गया।
तरपुर जिले की हुकुम बाई लोधी महाकुंभ में स्नान करने गई थीं। भगदड़ में मौत हो गई।