नई दिल्ली| केंद्र सरकार के विद्युत मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चाजिर्ंग बुनियादी ढांचे के लिए दिशानिदेशरें और मानकों में संशोधन जारी किए हैं। दिशा निर्देशों के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के सार्वजनिक चाजिर्ंग केंद्रों में दिन के समय की दरों और सौर घंटों के लिए छूट के साथ सेवा शुल्क के प्रीपेड संग्रह की सुविधा होगी। एक महत्वपूर्ण संशोधन के तहत एक समिति राज्य सरकार के लिए लगाए जाने वाले सेवा शुल्क की उच्चतम सीमा की सिफारिश करेगी।
इससे पहले भी साल की शुरूआत में मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चाजिर्ंग बुनियादी ढांचे के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा अब उन्हीं दिशानिर्देशों और मानकों में संशोधन जारी किया गया है।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय इन दिशानिर्देशों में जिन बातों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है उनमें पब्लिक चाजिर्ंग बुनियादी ढांचे (पीसीआई) की आवश्यकताओं को निम्नानुसार जोड़ा गया है। इसके साथ ही सार्वजनिक चाजिर्ंग केंद्रों में दिन के समय की दरों और सौर घंटों के लिए छूट के साथ सेवा शुल्क के प्रीपेड संग्रह की सुविधा नई दिशा निदेशरें में शामिल होगी। मंत्रालय द्वारा इसके साथ ही पीसीएस में सेवा शुल्क को निम्नानुसार जोड़ा गया है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अंतर्गत एक समिति समय-समय पर राज्य सरकार के अंतर्गत लगाए जाने वाले सेवा शुल्क की उच्चतम सीमा की सिफारिश करेगी। यह समिति सेवा शुल्क के लिए ‘दिन के समय की दर’ के साथ-साथ सौर घंटों के दौरान चार्ज करने के लिए दी जाने वाली छूट की भी सिफारिश करेगी।
गौरतलब है कि जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) अल्ट्रा-फास्ट गति से चार्ज हो सकेगें। आईआईटी गांधीनगर के शोधकर्ताओं की एक टीम ने जापान एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से एक नए एनोड मटिरियल का आविष्कार किया है। यह लिथियम-आयन बैटरीज को मिनटों में रिचार्ज करने में सक्षम बनाता है।
नया द्वि-आयामी (2डी) एनोड मटिरियल टाइटेनियम डाइबोराइड (टीआईबी2) से प्राप्त नैनोशीट का उपयोग करके विकसित किया गया है, जो एक मल्टी-स्टैक्ड सैंडविच जेसा मटिरियल होता है। जहां धातु के परमाणु बोरॉन की परतों के बीच मौजूद होते हैं। यह परिवर्तनकारी अनुसंधान नवाचार प्रयोगशाला से वास्तविक जीवन में अनुवाद के लिए समृद्धरूप से सक्षम है।