एक्स यूजर्स को चौंकाता है फिनटेक इन्‍फ्लुएंशर रविसुतंजनी कुमार का मामला

कहा गया कि कुमार आईआईआईटी इलाहाबाद से कंप्यूटर इंजीनियरिंग स्नातक नहीं थे, बल्कि उन्होंने वास्तव में मिर्ज़ापुर में सरकारी आईटीआई में "वायरमैन" के रूप में अध्ययन किया था।

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  • Publish Date - September 14, 2023 / 01:22 PM IST

नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। जहां लाखों भारतीय एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया पर रचनाकारों और प्रभावशाली लोगों को फॉलो करना जारी रखते हैं, वहीं फिनटेक इन्‍फ्लुएंशर रविसुतंजनी कुमार (Ravisutanjani Kumar) का दिलचस्प मामला, वह व्यक्ति जिसे हाल ही में यूपीआई एटीएम से नकदी निकालते देखा गया था, मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में जो वायरल हुआ, उसने ट्विटर पर लोगों और उनके फॉलोअर्स को सदमे में डाल दिया है।

एक एक्स अकाउंट के बाद एक थ्रेड पोस्ट किया, “असली रविसुतंजनी कौन है? और वह ऐसा दिखावा क्यों कर रहा है?” कुमार ने अपनी फर्जी डिग्रियों का ‘पर्दाफाश’ करते हुए बुधवार देर रात अपने एक्स और लिंक्डइन अकाउंट डिलीट कर दिए।

“रविसुतांजनी ने अपना ट्विटर और लिंक्डइन डिलीट कर दिया। यह किसी ऐसे व्यक्ति का मामला नहीं है, जिसके पास कौशल तो है, लेकिन कोई डिग्री नहीं है। वह कार्यस्थल पर भी धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति था। डिजिटल विज्ञापन स्टार्टअप जिंजर मंकी के संस्थापक और गब्बरसिंह के नाम से जाने जाने वाले उद्यमी अभिषेक अस्थाना ने एक्स पर पोस्ट किया, ”फर्जी डिग्री के कारण नहीं, बल्कि कोई मूल्यवान काम नहीं कर पाने के कारण उन्हें कुछ ही महीनों में नौकरी से निकाल दिया गया।”

कहा गया कि कुमार आईआईआईटी इलाहाबाद से कंप्यूटर इंजीनियरिंग स्नातक नहीं थे, बल्कि उन्होंने वास्तव में मिर्ज़ापुर में सरकारी आईटीआई में “वायरमैन” के रूप में अध्ययन किया था।

कई अन्य फर्जी डिग्रियों और पदों का भी पता चला, जिनके बारे में कुमार ने दावा किया था कि उनके पास ये पद हैं।

दरअसल, शीर्ष स्टार्टअप आवाज होने का दावा करने वाले रविसुतंजनी ने एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट में अपना बचाव करने की कोशिश की, लेकिन बाद में अपना अकाउंट डिलीट कर दिया।

लेखक और समुदाय प्रवर्तक सिद्धार्थ रॉय ने पोस्ट किया, “रवि ने जो कुछ भी किया वह बिल्कुल गलत था। उसे पहले तो ऐसा दिखावा नहीं करना चाहिए था, लेकिन एक समुदाय के रूप में हमें यह याद रखना चाहिए कि सीमा से आगे न बढ़ें और उसे पार न करें! उनका रियलिटी चेक हुआ और हम सभी को सच्चाई का पता चला; हमें इसे टूटने की हद तक नहीं खींचना चाहिए।”

कुमार का मामला इस विवादास्पद मुद्दे को सामने लाता है कि सोशल मीडिया की दुनिया फर्जीवाड़े से भरी है और लोगों को उन भ्रामक व्यक्तित्वों के झांसे में नहीं आना चाहिए और अपनी वास्तविकता की जांच स्वयं करनी चाहिए।