रायपुर। विष्णुदेव साय की सरकार में भ्रष्टाचार और घूसखोरी पर लगाम लगाने के लिए एसीबी को खुली छूट मिली हुई है। आज भी सरकारी दस्तवेज आदि बनवाने और काम करने के एवज में सुविधा शुल्क की डिमांड जनता से की जाती है। जिसे लोग चुपचाप देने के बाद अपना काम करवाकर उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाते है। ऐसे में व्यवस्था है जनता किसी भी कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी को शिकायत कर सकता है। जिसे पूरे प्लानिंग के साथ एसीबी रंगेहाथ गिरफ्तार करती है। कुछ ऐसा ही एक मामला रायपुर जिले का है। जहां सरपंच और सचिव (Sarpanch and Secretary) को एसीबी की टीम ने रंगेहाथ 1 8 हजार रुपए घूस (Red handed bribe of Rs 1.8 thousand) लेते हुए गिरप्तार कर लिया है।
इसके लिए लुकेश ने ग्राम पंचायत डोमा के सचिव धमेन्द्र कुमार साहू से सम्पर्क किया तो पंचायत सचिव ने प्रार्थी को आवेदन व अन्य दस्तावेज कार्यालय में जमा करने कहा एवं साथ ही 18000 रू0 रिश्वत की मांग की। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पर सही पाये जाने से आज ट्रैप की योजना तैयार की गई।
लुकेश को आरोपी पंचायत सचिव धर्मेन्द्र कुमार साहू के पास उसके कार्यालय में भेजा गया मगर धर्मेन्द्र ने स्वयं रिश्वत न लेते हुए अपने ही कक्ष में उपस्थित ग्राम डोमा के सरपंच देव सिंह बघेल को उक्त रिश्वती रकम 18000 रू० देने कहा । प्रार्थी ने रूपए सरपंच बघेल को दे दिये। जिसके बाद ACB की टीम ने दबिश देकर दोनों ही आरोपी धमेन्द्र कुमार साहू, पंचायत सचिव, ग्राम पंचायत डोमा एवं सरपंच देव सिंह बघेल को पकड़ लिया।
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