रायपुर। जीएसटी का फर्जीवाड़ा (GST fraud) और चोरी करने वाले छह हजार से ज्यादा बड़े कारोबारियों की पहचान कर ली गई है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) निपटते ही अब इन्हें नोटिस भेजी जा रही है। इनमें कई कारोबारी ऐसे हैं जिन्होंने समय पर रिटर्न दाखिल नहीं किया है। कई कारोबारियों ने रिटर्न तो जमा किया है लेकिन उसमें जबरदस्त गड़बड़ी है। कुछ ऐसे हैं जिन्होंने अचानक कारोबार बंद कर दिया है। कई फर्जी फर्म की पहचान भी कर ली गई है, नोटिस का जवाब नहीं देने वाले कारोबारियों पर सीधे छापेमारी की जाएगी।
सेंट्रल जीएसटी ने राजधानी सहित अन्य जिलों में 2017 से 2020 तक के सभी पेंडिंग मामले खत्म करने इस साल मार्च तक की डेडलाइन तय की थी। समय सीमा खत्म होने के बाद विभाग की ओर से नोटिस भेजी जा रही है। इनके अलावा जिन व्यापारियों ने दिसंबर 2023 तक बकाया टैक्स जमा नहीं किया है उन्हें भी टैक्स जमा करने का रिमाइंडर भेजा जा रहा है।
छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग ने 2023-24 में रिकार्ड 20,361 करोड़ का जीएसटी कलेक्शन किया है। ये राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है। पिछले साल के टैक्स कलेक्शन की तुलना में पिछले वित्तीय साल में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ जीएसटी ने पिछले 3 महीने 45 फर्मों पर छापा मारकर उनसे 32 करोड़ की वसूली की है।
छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग अभी सबसे ज्यादा ई-बिल की कार्रवाई पर जोर दे रहा है। छत्तीसगढ़ से बाहर जाने वाली गाड़ियों पर नजर रखी जा रही है। बिना ई-बिल के सामान लोड करने वाली गाड़ियों से तगड़ा जुर्माना वसूल किया जा रहा है। हालांकि इस कार्रवाई का कई व्यापारिक संगठन विरोध भी कर रहे हैं।
छग के अलावा महाराष्ट्र की 926, राजस्थान की 507, दिल्ली की 486, हरियाणा की 424 से ज्यादा कंपनियां हैं। इन सभी कंपनियों पर सख्ती से कार्रवाई करने के साथ ही इनसे बड़ा जुर्माना वसूल करने की तैयारी कर ली गई है। अभी जिन व्यापारियों को सबसे ज्यादा नोटिस दी गई है उनमें कोयला, सीमेंट, लोहा और चावल के कारोबार में शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग के निशाने पर इस बार कई बड़े राजनेता और रसूखदार भी शामिल हैं। इन नेताओं का कई तरह का व्यापार है। खासतौर पर ये नेता रियल एस्टेट, चावल, लोहा और एक्सपोर्ट के कारोबार से जुड़े हैं।
बताया जा रहा है कि इन्होंने कारोबार तो अच्छा किया है लेकिन टैक्स कम जमा किया। इन सभी के रिटर्न की जांच से पता चला है कि इन नेताओं की अधिकतर कंपनियां या तो घाटे में बताई गईं हैं या मामूली प्रॉफिट दिखाया गया है। इस वजह से इन सबको नोटिस भेजी गई है। कुछ की कंपनियां ऐसी भी हैं जो कागजों में बंद हो गई हैं लेकिन फिजिकल तौर पर चल रही हैं।
सेंट्रल जीएसटी ने पिछले हफ्ते ही एक कारोबारी को गिरफ्तार किया जिसने छह फर्जी फर्मों से 71.38 करोड़ की इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा लिया था। इसके अलावा पिछले महीने 13 फर्जी फर्मों के नेटवर्क का खुलासा किया गया था। इन कंपनियों के माध्यम से भी करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया गया। दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। सेंट्रल जीएसटी अफसरों के अनुसार इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी के मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा ईमानदार टैक्स पेयरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। टैक्स चोरी करने वालों पर ही सख्ती की जा रही है। इसी का असर है कि पिछले साल से रिकार्ड कलेक्शन जमा किया गया है। जिनका टैक्स बकाया है उनको नोटिस दे रहे हैं। जो नोटिस का जवाब नहीं दे रहे उन पर कार्रवाई पहले हो रही है।
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