हेमंत सोरेन 154 दिनों बाद फिर से बने झारखंड के CM, राज्यपाल ने दिलाई शपथ…इंडिया गठबंधन की झारखंड इकाई के शीर्ष नेता मौजूद रहे

हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने गुरुवार शाम 4.55 बजे झारखंड के सीएम के रूप में शपथ ले ली है। कुल 154 दिनों के बाद उन्होंने एक बार फिर

  • Written By:
  • Updated On - July 4, 2024 / 06:24 PM IST

रांची, 4 जुलाई (आईएएनएस)। हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने गुरुवार शाम 4.55 बजे झारखंड के सीएम के रूप में शपथ ले ली है। कुल 154 दिनों के बाद उन्होंने एक बार फिर यह दायित्व संभाला है। राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ (Oath of secrecy) दिलाई।

कैबिनेट के बाकी मंत्रियों को 7 जुलाई या किसी और दिन शपथ दिलाई जाएगी। समारोह में निवर्तमान सीएम चंपई सोरेन, झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर सहित इंडिया गठबंधन की झारखंड इकाई के शीर्ष नेता मौजूद रहे।

  • सोरेन को इसी साल 31 जनवरी को ईडी ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था और उन्होंने उसी रोज रात 8.30 बजे सीएम पद से इस्तीफा दिया था। उनकी जगह उनके मंत्रिमंडल में शामिल रहे चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को सीएम की कुर्सी संभाली थी।
  • 28 जून को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए और उसके सातवें दिन ही उन्होंने एक बार फिर सीएम की कुर्सी संभाल ली है। सीएम के रूप में यह उनका तीसरा कार्यकाल है। इसके पहले 29 दिसंबर 2019 को उन्होंने विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की जीत के बाद दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी।

वह 13 जुलाई 2013 को पहली बार सीएम बने थे और उनका यह कार्यकाल 28 दिसंबर 2014 तक रहा था। शपथ लेने के करीब दो घंटे पहले सोरेन ने सोशल मीडिया एक्स पर 31 जनवरी की वह फाइल फोटो शेयर की, जिसमें वह राज्यपाल को इस्तीफा सौंप रहे थे।

  • इस तस्वीर के साथ सोरेन ने लिखा, “हर अन्याय को पता है कि एक दिन उसे न्याय परास्त करेगा। जय झारखंड।”

झारखंड के तत्कालीन सीएम चंपई सोरेन ने बुधवार शाम 7.15 बजे राजभवन पहुंचकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को इस्तीफा सौंपा था। इसके साथ ही सत्तारूढ़ गठबंधन के नए नेता हेमंत सोरेन ने नई सरकार के लिए दावा पेश करते हुए 45 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को दिया था। इसके बाद गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए सरकार बनाने का आमंत्रण दिया था।