Private Rocket: अंतरिक्ष में भारत की नई उड़ान, पहले प्राइवेट रॉकेट Vikram-S की लॉन्चिंग सफल

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) श्रीहरिकोटा में अपने केंद्र से देश का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट ‘विक्रम-एस' का सफल प्रक्षेपण आज ठीक 11.30 बजे हुआ.

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  • Updated On - November 18, 2022 / 12:31 PM IST

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) श्रीहरिकोटा में अपने केंद्र से देश का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट ‘विक्रम-एस’ का सफल प्रक्षेपण आज ठीक 11.30 बजे हुआ. विक्रम-एस लॉन्च के बाद 89.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया और सभी मानकों पर खरा उतरा. यह तीन पेलोड लेकर गया है. चार साल पुराने स्टार्ट-अप स्काईरूट एयरोस्पेस के विक्रम-एस रॉकेट के पहले प्रक्षेपण के लिए तैयारी पहले से ही कर ली गई थी. यह देश के अंतरिक्ष उद्योग में निजी क्षेत्र का प्रवेश है.

विक्रम-एस रॉकेट को विकसित करने वाले स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने एक ट्वीट में घोषणा की, “लॉन्च किया गया! विक्रम-एस ने आसमान को सुशोभित करने वाले भारत के पहले निजी रॉकेट के रूप में इतिहास रचा है. इस महत्वपूर्ण अवसर पर हमारे साथ रहने के लिए हम आप सभी का धन्यवाद करते हैं.” इसरो ने ट्विटर पर घोषणा की, “मिशन प्रारंभ सफलतापूर्वक पूरा हुआ. बधाई.”

दशकों से इस क्षेत्र में सरकारी स्वामित्व वाले इसरो का प्रभुत्व रहा है. स्काईरूट एयरोस्पेस भारत की पहली निजी क्षेत्र की कंपनी बन गयी है, जो 2020 में केंद्र सरकार द्वारा अंतरिक्ष उद्योग को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में कदम रख रही है.

पहले इसे 15 नवंबर को प्रक्षेपित करने की योजना थी. विक्रम-एस को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण के बाद 81 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचना था लेकिन यह इससे भी ऊंचा गया. रॉकेट का नामकरण भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और दिवंगत वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर किया गया है. ‘प्रारंभ’ नामक मिशन में दो घरेलू और एक विदेशी ग्राहक के तीन पेलोड को ले जाया जाएगा.