शिमला, 4 सितंबर (आईएएनएस)। तीखी बहस के बीच बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Assembly) (भत्ते और पेंशन) संशोधन विधेयक, 2024 विधानसभा में पारित (Amendment Bill, 2024 passed in Assembly) हो गया। इसका उद्देश्य दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराए गए विधायकों को पेंशन लाभ से वंचित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अपनी पार्टी के साथ विश्वासघात करने वाले छह सदस्यों की करतूत न केवल उनकी अपनी पार्टी के खिलाफ बल्कि लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ भी स्पष्ट रूप से विश्वासघात का मामला है।”
उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले छह कांग्रेस विधायकों ने पार्टी व्हिप का खुलेआम उल्लंघन किया। उन्होंने 28 फरवरी को विधानसभा में हुई अराजकता सहित अन्य घटनाओं का जिक्र किया, जब दलबदलुओं ने कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास किया।
ठाकुर ने कहा, “किसी अन्य पार्टी में शामिल होने का फैसला बहुत बाद में लिया गया था, और अयोग्यता का उनके अधिकारों पर पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।”
मुख्यमंत्री द्वारा मंगलवार को सदन में पेश किए गए विधेयक के लिए कथन एवं उद्देश्यों के अनुसार, भारत के संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत विधायकों द्वारा दल-बदल को हतोत्साहित करने के लिए हिमाचल प्रदेश विधान (भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1971 में कोई प्रावधान नहीं है।
विधेयक में कहा गया है, “राज्य के लोगों द्वारा दिए गए जनादेश की रक्षा करने, लोकतांत्रिक मूल्यों को संरक्षित करने और इस संवैधानिक पाप को रोकने के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा (भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1971 में यह संशोधन लाना आवश्यक है।”
यह भी पढ़ें : हरियाणा चुनाव : भाजपा के 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी, सीएम सैनी लाडवा से प्रत्याशी