जम्मू, 8 सितंबर (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान सरकार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लोगों को ‘विदेशी’ कहती है, जबकि भारत उन्हें अपना नागरिक मानता है। जम्मू संभाग के रामबन जिले में एक चुनावी रैली (Election rally in Ramban district of Jammu division) के दौरान राजनाथ सिंह ने भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार का जिक्र करते हुए कहा, “महबूबा के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान, हमने नाबालिगों और निर्दोष लोगों के खिलाफ मामले वापस ले लिए थे। लेकिन समस्या यह थी कि पीडीपी अलगाववादियों के प्रति सहानुभूति रखती थी। मैं हमेशा उनसे जमीनी हालात को नियंत्रण में लाने के लिए कहता था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकीं। जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं और उन्हें शांति तथा समृद्धि का अधिकार है।”
रक्षा मंत्री ने कहा, “इसके विपरीत, हाल ही में एक हलफनामे में पाकिस्तान के सॉलिसिटर जनरल ने पीओके के लोगों को ‘विदेशी’ कहा था। हम उन्हें विदेशी नहीं कहते। वे हमारे लोग हैं। उन्हें आकर हमारे साथ जुड़ने दीजिए। जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद, पीओके के लोग भारत में आकर शामिल होना चाहेंगे।” उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की इस बयान के लिए कड़ी आलोचना की कि अफ़ज़ल गुरु को फांसी नहीं दी जानी चाहिए थी।
राजनाथ सिंह ने कहा, “उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि अफ़ज़ल गुरु को फांसी नहीं दी जानी चाहिए थी। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वह चाहते थे कि अफजल गुरु को माला पहनाई जाए?” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह पहली बार रामबन आए हैं, लेकिन लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया है।
उन्होंने दावा किया, “मैं आप सभी का अभिवादन करता हूं। 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पूरा देश इस चुनाव के नतीजों पर नजर रख रहा है। मैं हाल ही में अमेरिका गया था और वहां प्रवासी भारतीयों ने मुझसे पूछा कि इन चुनावों में क्या होगा। मैंने उनसे कहा कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा की सरकार बनेगी।”
उन्होंने कहा, “यहां आने पर मैंने डॉ. जितेंद्र सिंह से जमीनी हालात के बारे में पूछा और उन्होंने मुझे बताया कि भाजपा के पक्ष में ऐसा अनुकूल राजनीतिक माहौल उनकी उम्मीदों से कहीं अधिक है। पहले जब भी कश्मीर में 2, 6 या 10 प्रतिशत मतदान होता था तो यह बड़ी खबर बन जाती थी। लोकसभा चुनाव में 58 प्रतिशत मतदान हुआ और लद्दाख में यह 72 प्रतिशत हो गया।”
राजनाथ सिंह ने कहा, “पहली बार यहां बिना किसी डर और बिना किसी पक्षपात के चुनाव हुए। यह एक बड़ा बदलाव है। जम्मू-कश्मीर के लोग मेहनती और प्रतिभाशाली हैं। अगर भाजपा अगले 10 साल तक जम्मू-कश्मीर पर शासन करती है, तो जम्मू-कश्मीर भारत का सबसे समृद्ध स्थान होगा।” उन्होंने दावा किया, “जब से मोदी जी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है, हमारी अर्थव्यवस्था 11वें स्थान से बढ़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है।
स्वतंत्र आर्थिक सर्वेक्षण और मीडिया रिपोर्टें अब स्वीकार करती हैं कि 2027 में भारत अमेरिका और चीन के बाद जीडीपी के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश होगा।” केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भाजपा को यहां सरकार बनाने का मौका दीजिए और हम 10 साल में इस जगह की सूरत बदल देंगे। हमने पिछले 10 साल में जमीनी हालात पहले ही बदल दिए हैं। यहां तक कि कश्मीर में ताजिया (मुहर्रम) जुलूस की भी इजाजत नहीं थी और हमने यह जुलूस निकाला।”
उन्होंने आगे दावा किया, “आज किसी में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह पिस्तौल चला सके या लाल चौक पर पत्थर फेंक सके। देश को दृढ़ इच्छाशक्ति वाले प्रधानमंत्री की जरूरत है और हम भाग्यशाली हैं कि मोदी जी के रूप में हमारे पास ऐसा प्रधानमंत्री है। जम्मू-कश्मीर में महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी, सफाई कर्मचारी, वाल्मीकि समाज और अन्य लोग विधानसभा चुनाव में मतदान करें। हमने पंचायतों और शहरी निकायों में ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित किया है।”
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया और कोई भी इसके खिलाफ नहीं उठा। एनसी के घोषणापत्र में कहा गया है कि वे 370 को बहाल करेंगे। अब कोई भी 370 को बहाल नहीं कर सकता। पहली बार कश्मीर घाटी में जी-20 की बैठक हुई। इसे शासन कहते हैं। कश्मीर को आतंकवाद का स्थल कहा जाता था, लेकिन अब इसे पर्यटन स्थल कहा जाता है।”
उन्होंने कहा, “2022 के बाद से एक भी पत्थरबाजी की घटना नहीं हुई। जिन युवाओं के हाथ में पिस्तौल थी, उनके पास रेव टैबलेट और लैपटॉप हैं। हमने 370 को हटाया, अगर कांग्रेस में हिम्मत है तो उसे वापस लाकर दिखाए। जब तक भाजपा है, दुनिया की कोई ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।” उन्होंने 4 सितंबर, 2016 को कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से मिलने गए संसदीय प्रतिनिधिमंडल का भी जिक्र किया। राजनाथ ने याद करते हुए कहा, “मैं संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था और मैंने सदस्यों से कहा कि हुर्रियत को भाजपा से एलर्जी है, लेकिन अगर वे हुर्रियत से मिलना चाहते हैं, तो वे जा सकते हैं। जब वे उनके दरवाजे पर गए, तो हुर्रियत के लोगों ने उनके लिए अपने दरवाजे बंद कर लिए।”
उन्होंने भाजपा के संकल्प पत्र और उसमें किए गए वादों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अधूरी सीमा बाड़बंदी पूरी की जाएगी, कमजोर वर्ग के परिवारों को महीने में दो गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे, दूरदराज के क्षेत्रों के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को मुफ्त टैबलेट और लैपटॉप दिए जाएंगे, जम्मू में तवी नदी पर रिवर फ्रंट बनेगा, रामबन और बनिहाल में पर्यटन स्थल होंगे। जम्मू और श्रीनगर में मेट्रो सेवाएं मिलेंगी और प्रवासी कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा और सम्मान के साथ कश्मीर घाटी में वापस लाया जाएगा। अंत में उन्होंने मतदाताओं से भाजपा उम्मीदवार राकेश गुप्ता को भारी बहुमत से जिताने की अपील की। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।