लोकसभा चुनाव में योगी ने 61 दिन में जनसभाओं का लगाया दोहरा शतक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने लोकसभा चुनाव में जनसभाओं का दोहरा शतक लगाया।

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  • Updated On - May 31, 2024 / 12:09 PM IST

लखनऊ, 31 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने लोकसभा चुनाव में जनसभाओं का दोहरा शतक लगाया। इस दौरान उन्होंने महज 61 दिन के भीतर 204 चुनावी कार्यक्रम (204 election program) किए। उन्होंने यूपी के अलावा अन्य राज्यों में जनसभा और रोड शो कर विपक्षी दलों के खिलाफ राजनीतिक तीर चलाए।

मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, 27 मार्च को मथुरा से प्रबुद्ध सम्मेलन के जरिए भाजपा से मिले चुनावी दायित्व का आगाज करने वाले योगी आदित्यनाथ ने 169 जनसभा, 15 प्रबुद्ध सम्मेलन और 13 रोड शो कर एनडीए प्रत्याशियों के लिए पसीना बहाया।

उत्तर प्रदेश के मुखिया अपने राज्य की वाराणसी संसदीय सीट से सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा लखनऊ से सांसद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नामांकन में भी शामिल हुए।

हर रैली में लाखों की संख्या में पहुंचे मतदाताओं ने उनकी बात सुनी। यही नहीं, योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी 80 लोकसभा सीटों के साथ ही 12 राज्य व दो केंद्रशासित प्रदेशों में 44 सभाएं कर विपक्षी दलों पर हमले बोले।

योगी आदित्यनाथ ने 27 मार्च को ब्रज भूमि में हेमा मालिनी के पक्ष में प्रबुद्ध सम्मेलन कर चुनावी कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद उत्तर प्रदेश से भाजपा, सुभासपा, रालोद व अपना दल एस के सभी प्रत्याशियों के लिए वोट मांगा। ढाई महीने के चुनावी कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने 61 दिन प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने कुल 204 चुनावी कार्यक्रम किए। इनमें से 169 जनसभा, 15 प्रबुद्ध सम्मेलन, 13 रोड शो के अलावा अधिवक्ता सम्मेलन, नारी सम्मेलन, कार्यकर्ता सम्मेलन, लोकसभा संचालन समिति की बैठक, नामांकन समेत कई कार्यक्रमों में शिरकत की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 12 केंद्रीय मंत्रियों के लिए योगी आदित्यनाथ ने यूपी में मोर्चा संभाला। इसके अलावा, भाजपा के कई राष्ट्रीय पदाधिकारियों के पक्ष में भी प्रचार करने पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन के साथ ही अधिवक्ता सम्मेलन, लोकसभा संचालन समिति की बैठक, नारी वंदन संवाद, जनसभा समेत कई कार्यक्रमों का सीएम योगी ने नेतृत्व किया, वहीं रक्षा मंत्री के नामांकन से लेकर जनसभा तक की कमान भी संभाली।

वहीं सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, एसपी सिंह बघेल, भानु प्रताप सिंह वर्मा, पंकज चौधरी, महेंद्र नाथ पांडेय, अनुप्रिया पटेल, संजीव बालियान, साध्वी निरंजन ज्योति, अजय मिश्र टेनी, कौशल किशोर के पक्ष में भी योगी आदित्यनाथ ने कई रैलियां कीं।

भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर समेत कई राष्ट्रीय पदाधिकारियों के लिए भी योगी ने जनसमर्थन मांगा। मुख्यमंत्री योगी ने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार सत्ता दिलाने के लिए हर मुमकिन कदम उठाए। वो उत्तर प्रदेश के संभवतः ऐसे पहले मुख्यमंत्री होंगे, जो लगभग तीन-चार महीने के भीतर हर जनपद में पहुंचे।

भारतीय जनता पार्टी ने कई सीटों से नए प्रत्याशियों को उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में उतारा है। योगी आदित्यनाथ ने उनका भी हाथ थामते हुए धुआंधार रैली की। श्रावस्ती से साकेत मिश्र, कैसरगंज से करण भूषण शरण सिंह, घोसी से अरविंद राजभर, जौनपुर से कृपाशंकर सिंह, राबटर्सगंज से रिंकी कोल, पीलीभीत से जितिन प्रसाद, मैनपुरी से जयवीर सिंह, बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार, बदायूं से दुर्विजय सिंह शाक्य, मेरठ से अरुण गोविल, गाजियाबाद से अतुल गर्ग, हाथरस से अनूप प्रधान, फिरोजाबाद से विश्वदीप सिंह, कानपुर से रमेश अवस्थी, बहराइच से आनंद गोड़, बाराबंकी से राजरानी रावत, गाजीपुर से पारसनाथ राय, इलाहाबाद से नीरज त्रिपाठी, फूलपुर से प्रवीण पटेल, भदोही से विनोद बिंद, देवरिया से शशांक मणि त्रिपाठी, बलिया से नीरज शेखर सरीखे प्रत्याशियों के लिए भी योगी आदित्यनाथ ने खूब पसीना बहाया और रैली-जनसभा कर इन सदस्यों को सदन में भेजने की अपील की।

स्टार प्रचारक के रूप में योगी आदित्यनाथ की मांग हर सीटों पर रही। भाजपा के सहयोगी दल रालोद के बिजनौर से प्रत्याशी चंदन चौहान, बागपत से उम्मीदवार राजकुमार सांगवान के लिए भी पहले-दूसरे चरण में रैली व सम्मेलन किया, वहीं सातवें चरण में एनडीए के ही घटक दल अपना दल (एस) की मीरजापुर सीट से प्रत्याशी व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल तथा छानबे से विधायक-राबटर्सगंज से उम्मीदवार रिंकी कोल के लिए भी योगी आदित्यनाथ चिलचिलाती धूप में जनसमर्थन मांगने पहुंचे। घोसी से सुभासपा उम्मीदवार डॉ. अरविंद राजभर के समर्थन में वोट मांगते हुए योगी ने स्थानीय लोगों को विश्वास दिलाया कि इनकी ‘छड़ी’ घोसी के बुजुर्गों का सहारा भी बनेगी।

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