बीजिंग, 29 नवंबर (आईएएनएस)। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय पोलित ब्यूरो के सदस्य, विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की।
वांग यी ने कहा कि दुनिया फ़िलिस्तीनी-इज़राइली संघर्ष और संयुक्त राष्ट्र की भूमिका और कार्यों पर ध्यान देती है। फ़िलिस्तीनी-इज़राइली संघर्ष के मुद्दे पर चीन हमेशा मजबूती से शांति, मानवीय विवेक और अंतर्राष्ट्रीय कानून के पक्ष में खड़ा रहा है। चीन संघर्ष को हल करने में संयुक्त राष्ट्र और स्वयं महासचिव की विशेष और अपूरणीय भूमिका का समर्थन करता है।
उन्होंने कहा कि इस महीने सुरक्षा परिषद के वर्तमान अध्यक्ष देश के रूप में चीन ने अरब देशों और संबंधित पक्षों के साथ घनिष्ठ संचार बनाए रखा है और फिलिस्तीनी-इजरायल संघर्ष को सुरक्षा परिषद का एक मुख्य और प्राथमिकता वाला मुद्दा बना दिया है। चीन ने अरब और इस्लामी देशों के विदेश मंत्रियों का भी स्वागत किया जिन्होंने कुछ समय पहले सामूहिक रूप से चीन का दौरा किया। हम ने यथाशीघ्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक बुलाने पर सहमति प्राप्त की और हम सुरक्षा परिषद से सर्वसम्मत और स्पष्ट आवाज़ की आशा करते हैं।
वांग यी ने कहा कि सुरक्षा परिषद का नंबर 2712 प्रस्ताव युद्धविराम को बढ़ावा देने की दिशा में पहला कदम है और राजनीतिक माध्यम से फिलिस्तीनी-इजराइल संघर्ष को हल करने के लिए एक अच्छी शुरुआत है। चीन जल्द से जल्द अधिक आधिकारिक, और बड़े और अधिक प्रभावी अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन बुलाने और “दो-राज्य समाधान” को फिर से शुरू करने के लिए एक रोडमैप और समय सारिणी तैयार करने का आह्वान करता है। चीन इस संबंध में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए संयुक्त राष्ट्र का समर्थन करता है।
गुटेरेस सुरक्षा परिषद के वर्तमान अध्यक्ष देश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान फिलिस्तीनी-इजराइल मुद्दे के राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने और मानवीय स्थिति को आसान बनाने में चीन की रचनात्मक भूमिका की प्रशंसा की।
उन्होंने फिलिस्तीनी-इजराइल मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठक की मेजबानी के लिए चीन को धन्यवाद दिया और कहा कि सुरक्षा परिषद के नंबर 2712 प्रस्ताव को लागू करने के लिए यह पहली बैठक है और बहुत महत्वपूर्ण है। गाजा में मानवीय स्थिति चिंताजनक है। केवल एक अस्थायी युद्धविराम पर्याप्त नहीं है। संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीनी मुद्दे को मुल रूप से हल करने के लिए “दो-राज्य समाधान” के कार्यान्वयन की दृढ़ता से वकालत करता है। हम आशा करते हैं कि सुरक्षा परिषद इस पर अधिक आम सहमति बनाएगी।