समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इजरायली हमले का लक्ष्य दक्षिण बेरूत के बाहरी इलाके में स्थित ज्नाह क्षेत्र में स्थित रफीक हरीरी विश्वविद्यालय का अस्पताल था।
भारत ने कई बार यह स्पष्ट किया है कि ट्रूडो राजनीतिक लाभ के लिए भारत को बदनाम करने की "जानबूझकर रणनीति" पर काम कर रहे हैं।
अरबी अखबार अशरक अल-अवसात ने बताया कि संगठन के भीतर इस मुद्दे को लेकर चर्चा का दौर जारी है। इसमें भाग लेने वाले लोग अगले नेता का नाम गुप्त रखने के पक्ष में हैं।
आईडीएफ प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि सुरंग खान यूनिस में परिवार के घर के नीचे स्थित थी।
शुक्रवार को बर्लिन में हुई बैठक के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्री ने संयुक्त बयान में कहा कि सिनवार ने गाजा में संघर्ष विराम के रास्ते में बाधा डाली थी।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज इस दुष्टता का मास्टरमाइंड याह्य सिनवार नहीं रहा। उसे इजरायल रक्षाबलों के बहादुर सैनिकों ने रफाह में मार डाला।
टेकक्रंच को दिए गए एक बयान में कंपनी ने पुष्टि की कि कई टीमों में छंटनी की गई है।
गुरुवार को मंत्रालय ने बताया कि 15 अक्टूबर को लेबनान के अलग-अलग इलाकों में हुए इजरायली हवाई हमलों में मृतकों की संख्या 17 और घायलों की संख्या 182 हो गई।
एमईए ने भारत-कनाडा संबंधों को नुकसान पहुंचाने के लिए ट्रूडो के "उदासीन व्यवहार" को भी जिम्मेदार ठहराया।
जयशंकर ने कहा, "यदि सीमा पार से आतंकवाद, चरमपंथ और अलगाववाद जैसी गतिविधियां होती हैं, तो इनसे व्यापार, ऊर्जा प्रवाह, संपर्क और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलने की संभावना नहीं है।"