Corruption Point : गुहार बनी ‘नक्कारखाने की तूती’- लो भैया ! यहां अजब-गजब खेल !

By : hashtagu, Last Updated : May 14, 2025 | 2:18 pm

रायपुर। (Compensation in Bharatmala Express) कहत कबीर सुनो भाई साधो! सिस्टम की कैसी लाचारी है कि भारत माला प्रोजेक्ट में जमीन किसी की और मुआवजा किसी को। नौकरशाहों की टोलियां भी बड़ी अजीबो-गरीब कुछ ईमानदार तो कुछ बेइमान। क्या करे जनता बेचारी लगाती रहे गुहार, अफसर थामते रहे आवेदन और जनता कोसे सरकार को। सुनो सरकार कम से कम गरीबों को उनके हक दिला दो। ये पूरा मामला भारत माला प्रोजेक्ट है, जहां मुआवजे के नाम पर कई सौ करोड़ रूपए का बंदरबांट (Hundred crore rupees looted) हुआ। अब मामला खुलने पर लग रहा है कि गरीब और जमीन के वाजिब हकदार चिटफंड कंपनियों के दंश की विभिषिका झेल रहे हैं। मैनेजर एसडीएम और राजस्व अधिकारी, जिन्होंने रसूखदारों के साथ मिलकर लूट मचाई। साहब तो पर पैस लेकर कहां गए वो दलाल और पैसा हड़पने वाले। बहरहाल, ये जांच का विषय है। जांच होती रहेगी लेकिन कम से इधर जमीन के हकदारों के पैसा हजम करने वालों की संपत्ति कुर्क कर उसकी भरपाई की जाए। अफसरों के जीपीएफ फंड आदि के पैसे देकर गरीबों को न्याय दिया जाए। यही गुहार पीड़ित लगा रहे हैं। लेकिन बात कौन सरकार तक ले जाए। खैर मीडिया जगत इस पूरे मामले का प्रकाशित कर रहा है। लेकिन कहीं कोई न्याय की तनिक भी छांव देने वाली खबरें नहीं आ रही है।

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  • छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित भारतमाला एक्सप्रेस में मुआवजे के नाम पर जमकर बंदरबाट की गई। इसमें जमीन को टुकड़ों में बदलकर कई जमीन मालिकों ने करोड़ों रुपए कमा लिए तो कुछ किसान अभी ऐसे भी हैं जो अपनी जमीन का वास्तविक मुआवजा भी नहीं पा सके हैं। अभनपुर ब्लाॅक के नायकबांधा, उरला, टोकरो, बिरोदा गांव के किसानों के साथ यही स्थिति है। मीडिया की पड़ताल में पता चला कि नायकबांधा गांव के कुछ किसान मुआवजे के लिए लगातार चक्कर लगा रहे हैं। इसी तरह बिरोदा के सुरेंद्र कुमार, कमलकांत भोई, भंगू साहू, दाऊलाल साहू समेत 10 से ज्यादा किसानों को आज तक मुआवजा नहीं मिला है।

दरअसल जिस समय जमीन का अधिग्रहण किया गया उस समय 48 लाख रुपए प्रति एकड़ मुआवजे की रकम निर्धारित की गई थी लेकिन बाद में इसे घटाकर 32 लाख रुपए कर दिया गया है। इसलिए किसान पुराने दर से मुआवजा देने की मांग पर अड़े हुए हैं। ईआेडब्ल्यू के साथ ईडी की कार्रवाई शुरू जमीन अधिग्रहण और 48 करोड़ के मुआवजा घोटाले में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई जारी रही।

अफसरों ने भू स्वामी, जमीन दलाल और फर्जी दस्तावेज बनाने वाले समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें महादेव घाट निवासी उमा तिवारी और उसके पति केदार तिवारी के साथ ही महासमुंद के ठेकेदार व प्रॉपर्टी डीलर हरमीत सिंह खनूजा और गोलबाजार के कारोबारी विजय जैन शामिल हैं। घोटाले में नाम आने के बाद से तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर निर्भय साहू, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक रोशन लाल वर्मा, पटवारी समेत अन्य आरोपी गायब हैं।

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