छत्तीसगढ़ में ननों के मुद्दे पर BJP नेता उज्जवल दीपक ने कांग्रेस के प्रदर्शन पर उठाए सवाल, कहा- “क्या कभी हिंदू के लिए ऐसा प्रदर्शन किया है?”
By : hashtagu, Last Updated : July 30, 2025 | 3:38 pm
रायपुर: छत्तीसगढ़ में ननों के हमले के मामले पर कांग्रेस के नेताओं के विरोध प्रदर्शन पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के युवा नेता उज्जवल दीपक ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए पूछा, “क्या आपने कभी इन्हें किसी हिंदू के लिए ऐसा प्रदर्शन करते हुए देखा है?”
उज्जवल दीपक ने अपने ट्वीट में कांग्रेस के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल धर्म विशेष से जुड़े मुद्दों पर ही इतनी सक्रियता दिखाते हैं, जबकि अन्य समाजिक समस्याओं पर उनकी चुप्पी रहती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि नारायणपुर की तीन आदिवासी लड़कियों को नौकरी के बहाने आगरा ले जाया जा रहा था, और इस मामले में ह्यूमन ट्रैफिकिंग और धर्मांतरण की गंभीर कोशिश की जा रही थी।
उन्होंने कहा, “प्रलोभन के माध्यम से ह्यूमन ट्रैफिकिंग और धर्मांतरण की कोशिश की जा रही थी। ऐसे गंभीर मामले में गिरफ्तारी हुई है। जांच जारी है और कानून अपना काम करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि बस्तर की बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा धर्म से जोड़कर राजनीति करना अत्यंत शर्मनाक है। उन्होंने कहा, “जहाँ आदिवासी बेटियों की अस्मिता की बात आती है, वहाँ आपके मुँह में दही जम जाती है।”
उज्जवल दीपक ने कांग्रेस के नेताओं के प्रदर्शन की एक तस्वीर भी अपने ट्वीट में साझा की, जिसमें वे नन के हमले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
क्या आपने कभी इन्हें किसी हिंदू के लिए ऐसा प्रदर्शन करते हुए देखा है?
नारायणपुर की तीन आदिवासी बेटियों को नौकरी का झांसा देकर आगरा ले जाया जा रहा था।
प्रलोभन के माध्यम से ह्यूमन ट्रैफिकिंग और धर्मांतरण की कोशिश की जा रही थी। ऐसे गंभीर मामले में गिरफ्तारी हुई है। जांच जारी है… pic.twitter.com/LtzzZaqo9Z
— Ujjwal Deepak (@ujjwaldeepak) July 30, 2025
ननों के हमले का मामला:
यह मामला 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है, जहां दो ननों—सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति को अवैध रूप से पकड़ लिया गया था। इन पर आरोप था कि वे धर्मांतरण और मानव तस्करी में शामिल हैं। हालांकि, बाद में यह आरोप पूरी तरह से झूठे साबित हुए और ननों की गिरफ्तारी को बुनियादी कानूनी आधार से बाहर माना गया। इस मामले ने न केवल धार्मिक असहमति को जन्म दिया, बल्कि यह भी दर्शाया कि कैसे धर्म विशेष के नाम पर राजनीति की जा रही है।
कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में यह आरोप भी लगाया गया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही और ननों के साथ हुई इस घटना पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं, BJP नेता ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह सवाल उठाया कि कांग्रेस नेताओं को केवल वही मुद्दे क्यों अहम लगते हैं जो धर्म से जुड़े होते हैं।




