“चरणदास महंत का तंज: चमचों की वजह से बिगड़ रही कांग्रेस की छवि, जिला अध्यक्षों को दी चेतावनी”
By : dineshakula, Last Updated : September 3, 2025 | 8:56 pm
महंत (Charan Das Mahant) का बयान: ‘हमारी नहीं, चमचों की गलती है’
रायपुर: राजीव भवन में आयोजित कांग्रेस की ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ अभियान की रणनीति बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने संगठन के अंदरूनी हालात पर तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “बातें बाहर जा रही हैं, ये हमारी नहीं, बल्कि चमचों की गलती है।” महंत ने जिला अध्यक्षों से साफ कहा कि अपने-अपने चमचों को संभालकर रखें क्योंकि वही किसी को मुख्यमंत्री और किसी को प्रदेश अध्यक्ष बना देते हैं।
आज राजीव भवन में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुआ जहां नेता प्रतिपक्ष श्री चरणदास महंत जी , संगठन महामंत्री श्री मलकीत सिंह गैदू जी एवं प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यगण शामिल हुए pic.twitter.com/MJP9YI8miD
— Deepak Baij (@DeepakBaijINC) September 3, 2025
बैठक में क्या-क्या हुआ, जानिए मुख्य बिंदु
1. ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान की रणनीति
बैठक में तय हुआ कि कांग्रेस गांव-गांव जाकर नुक्कड़ नाटक और पोस्टर अभियान के जरिए जनता तक पहुंचेगी।
9 सितंबर को बिलासपुर से इस राज्यव्यापी अभियान की शुरुआत होगी। इसकी जिम्मेदारी महंत को सौंपी गई है।
2. संगठन समीक्षा पर जोर
ब्लॉक, मंडल और सेक्टर स्तर पर संगठनात्मक समीक्षाएं की गईं। जहां गठन अधूरा है, वहां जल्द पूरा करने के निर्देश मिले।
3. धरना-प्रदर्शनों की समीक्षा
महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर हाल ही में हुए आंदोलनों की रिपोर्ट जिला अध्यक्षों से मांगी गई है।
पूर्व मंत्री चौबे के बयान से शुरू हुआ विवाद
रविंद्र चौबे ने भूपेश बघेल के जन्मदिन पर कहा था कि “प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व अब भी भूपेश बघेल को करना चाहिए।” उनके इस बयान को पार्टी के अंदर कलह की वजह माना जा रहा है।
दीपक बैज का जवाब:
बैज ने चौबे को ‘महाज्ञानी नेता’ कहा और कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मत है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी सामूहिक नेतृत्व में ही आगे बढ़ेगी।
कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान तेज
इस पूरी हलचल से साफ है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के भीतर नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एक तरफ चौबे जैसे वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के पक्ष में हैं, तो दूसरी ओर चरणदास महंत जैसे नेता संगठन के भीतर ‘चमचों’ की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।
आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस इस आंतरिक खींचतान को सुलझा पाती है या यह मतभेद और गहराते हैं।




