उपराष्ट्रपति चुनाव आज: राधाकृष्णन बनाम रेड्डी, कौन बनेगा देश का अगला उपराष्ट्रपति?
By : dineshakula, Last Updated : September 9, 2025 | 12:00 am
नई दिल्ली: देश का नया उपराष्ट्रपति (vice President) चुनने की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी होगी, जब संसद सदस्य अपने मताधिकार का प्रयोग कर यह तय करेंगे कि सी.पी. राधाकृष्णन या बी. सुदर्शन रेड्डी में से कौन ऊपरी सदन की कुर्सी पर बैठेगा। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान चलेगा और नतीजे उसी रात घोषित होने की संभावना है। एनडीए की ओर से राधाकृष्णन मैदान में हैं, जबकि विपक्ष ने संयुक्त रूप से पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी को उतारा है। दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही उम्मीदवार दक्षिण भारत से आते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सुबह 10 बजे मतदान करेंगे। एनडीए ने अपने पोलिंग एजेंट के तौर पर किरेन रिजिजु, राम मोहन नायडू और श्रीकांत शिंदे को नियुक्त किया है। एनडीए खेमे को भरोसा है कि उन्हें करीब 56% यानी 437 से अधिक सांसदों का समर्थन मिलेगा, वहीं टीडीपी नेता लवू कृष्णा ने तो 450 वोट तक का दावा किया है। दूसरी तरफ, कांग्रेस का कहना है कि यदि सांसद ‘अंतरात्मा की आवाज़’ पर वोट दें तो इंडिया ब्लॉक की जीत तय है। कांग्रेस के इमरान मसूद ने कहा कि एनडीए की बेचैनी उनकी हार का संकेत है।
Participated in the NDA meeting in Delhi, attended by MPs across the NDA family. The candidature of Thiru CP Radhakrishnan has generated immense enthusiasm all across. People believe that he will be an excellent Vice President, who will enrich the office with his wisdom and… pic.twitter.com/VFrGdWXqxq
— Narendra Modi (@narendramodi) September 8, 2025
विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी ने दावा किया कि चुनाव को केवल एनडीए बनाम इंडिया ब्लॉक की तरह देखना गलत है। उन्हें कई ऐसे सांसदों का समर्थन भी मिल रहा है जो किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। हनुमान बेनीवाल और चंद्रशेखर आजाद जैसे निर्दलीय सांसदों ने खुलकर रेड्डी को समर्थन देने की घोषणा की है, वहीं ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी विपक्षी उम्मीदवार को समर्थन दिया है।
मतदान की प्रक्रिया में सांसदों को बैलेट पेपर पर पहली और दूसरी पसंद अंक में भरनी होगी — शब्दों में नहीं। मतगणना के वक्त सबसे पहले वैध वोटों की गिनती होगी और फिर कोटा तय किया जाएगा। यदि किसी उम्मीदवार को पहली पसंद के तौर पर वैध वोटों की आधी संख्या से एक अधिक वोट मिलते हैं, तो वही विजेता घोषित होगा।
हालांकि कुछ दलों ने चुनाव से खुद को अलग रखा है। बीजेडी और बीआरएस ने मतदान में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया है। बीजेडी ने अपनी “समान दूरी” की नीति को वजह बताया, जबकि बीआरएस ने यह कदम राज्य में यूरिया की कमी पर किसानों की चिंता जताने के लिए उठाया है।
देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा, इसका जवाब कुछ ही घंटों में सामने होगा। लेकिन इससे पहले दोनों खेमों ने अपनी रणनीति से एक बात साफ कर दी है—यह सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि 2024 के बाद की राजनीति का अगला ट्रेलर है।




