जहरीले सिरप से बच्चों की मौत: श्रीसन फार्मा का डायरेक्टर रंगनाथन गिरफ्तार

By : dineshakula, Last Updated : October 9, 2025 | 11:36 am

चेन्नई/छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप (cough syrup) से बच्चों की मौत के मामले में श्रीसन फार्मा कंपनी के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया गया है। एमपी सरकार द्वारा गठित एसआईटी की टीम ने बुधवार रात चेन्नई में दबिश देकर उसे पकड़ा। इस कफ सिरप को पीने से अब तक 24 बच्चों की मौत हो चुकी है।

रंगनाथन पर 20 हजार रुपए का इनाम घोषित था और वह अपनी पत्नी के साथ फरार था। चेन्नई-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित उसके 2000 वर्गफुट के फ्लैट को सील कर दिया गया, जबकि कोडम्बक्कम स्थित ऑफिस बंद मिला। छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने बताया कि रंगनाथन को चेन्नई की कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड ली जाएगी, इसके बाद उसे छिंदवाड़ा लाया जाएगा।

ताजा मामला छिंदवाड़ा की उमरेठ तहसील के पचधार गांव का है, जहां तीन साल के मयंक सूर्यवंशी की बुधवार रात नागपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह 25 सितंबर से भर्ती था। इस तरह मृतकों की संख्या अब 24 हो गई है।

जांच में सामने आया है कि श्रीसन फार्मा ने दवा बनाने में नॉन-फार्मास्यूटिकल ग्रेड का प्रोपलीन ग्लायकॉल इस्तेमाल किया, जो जहरीला था। तमिलनाडु डायरेक्टर ऑफ ड्रग्स कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें डाईएथिलीन ग्लायकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लायकॉल (EG) की मात्रा तय सीमा से 486 गुना ज्यादा पाई गई।

रंगनाथन ने कबूला कि उसने मार्च 2025 में चेन्नई की सनराइज बायोटेक से 100 किलो प्रोपलीन ग्लायकॉल खरीदा था, लेकिन खरीद का कोई बिल नहीं दिया गया, न ही रिकॉर्ड में एंट्री की गई। भुगतान कभी कैश तो कभी गूगल पे से किया गया। ये केमिकल बिना टेस्ट किए सीधे दवा निर्माण में उपयोग किया गया।

जांच अधिकारियों को कंपनी से प्रोडक्शन रिकॉर्ड, दवाओं के नमूने और कई जरूरी दस्तावेज मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, घटिया केमिकल से बनी दवाएं जानलेवा थीं। फार्मा साइट पर 60 एमएल के कोल्ड्रिफ सिरप की 589 बोतलें मिलीं, जिन्हें छिंदवाड़ा भेजा जाना था। इन्हीं बोतलों के सेवन से बच्चों की किडनी फेल और ब्रेन में सूजन हुई।

इसके अलावा कंपनी से 5870 बोतलें अन्य सिरप की भी मिलीं, जिनमें रेस्पोलाइट डी, रेस्पोलाइट जीएल, रेस्पोलाइट एसटी और हेपसंडिन शामिल हैं। इनकी गुणवत्ता जांच में सही पाई गई है।

तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी ने कहा कि नॉन-फार्मास्यूटिकल ग्रेड केमिकल से दवा बनाना एक गंभीर अपराध है, जिससे बच्चों और बड़ों दोनों की जान को खतरा होता है। फिलहाल, जांच जारी है और रंगनाथन से पूछताछ के बाद कई और खुलासों की संभावना है।