गुजरात में मंत्रिमंडल का इस्तीफा नई कैबिनेट कल शपथ लेगी
By : dineshakula, Last Updated : October 16, 2025 | 4:48 pm
गांधीनगर: गुजरात सरकार (Gujarat Government) के सभी 16 मंत्रियों ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल कुछ देर में राज्यपाल को मंत्रियों का इस्तीफा सौंपेंगे कल सुबह 11.30 बजे गांधीनगर में नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह होगा. इसमें आठ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है.
गुजरात की मौजूदा कैबिनेट में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल समेत 17 मंत्री हैं जिनमें आठ कैबिनेट रैंक और आठ राज्य मंत्री शामिल हैं. इनमें से आठ मंत्रियों को बदला जा सकता है. भाजपा के सभी विधायकों और मंत्रियों को दो दिन गांधीनगर में रहने के निर्देश दिए गए हैं. जिन विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जानी है उन्हें फोन पर सूचना दी जा चुकी है.
शपथ समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होंगे. अमित शाह गुरुवार रात गुजरात पहुंचेंगे जबकि जेपी नड्डा शुक्रवार सुबह पहुंचेंगे राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सुनील बंसल आज गुजरात आएंगे. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मुंबई से लौटने के बाद रात आठ बजे अपने आवास पर बैठक करेंगे इसके बाद मंत्रियों के इस्तीफे राज्यपाल देवव्रत आचार्य को सौंपे जाएंगे साथ ही नए मंत्रियों की सूची भी दी जाएगी.
नए मंत्रिमंडल में सात से दस पुराने मंत्रियों को हटाकर पांच से सात मंत्रियों को दोबारा मौका दिया जा सकता है. नए चेहरों में कांग्रेस से आए अर्जुन मोढवाड़िया अल्पेश ठाकोर सीजे चावड़ा और हार्दिक पटेल को जगह मिलने की संभावना है .सौराष्ट्र से जयेश रादडिया और जीतू वाघानी को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है पाटीदार और ठाकोर समुदाय को इस बार खास तवज्जो मिलेगी.
जिन मंत्रियों को हटाए जाने की संभावना है उनमें पुरुषोत्तम सोलंकी बच्चूभाई खाबर मुकेश पटेल भीखूसिंह परमार और कुंवरजी हलपति शामिल हैं. मंत्रिमंडल में यह फेरबदल 2027 के चुनाव की रणनीति से जुड़ा माना जा रहा है तीन साल से मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं हुआ था. कई मंत्रियों के कामकाज से भाजपा आलाकमान संतुष्ट नहीं था हाल में विसावदर उपचुनाव में हार के बाद बदलाव की तैयारी तेज हुई.
भाजपा पुराने दिग्गज नेताओं को वापस लाने की रणनीति पर भी काम कर रही है. ताकि सत्ता विरोधी लहर को रोका जा सके नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री काल से ही गुजरात में सत्ता विरोधी रुझान दिखने पर भाजपा ने मंत्रिमंडल में बदलाव कर सुधारात्मक कदम उठाए हैं. इस बार भी इसी रणनीति के तहत फेरबदल किया गया है जनवरी में नगर पंचायत चुनाव होने हैं. ऐसे में भाजपा संगठन को मजबूत करना चाहती है.


