दिल्ली एयरपोर्ट साइबर हमले के शक में, ट्रैफिक सिस्टम फेल होने पर हाई लेवल जांच शुरू

By : dineshakula, Last Updated : November 9, 2025 | 11:14 am

नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक सिस्टम (air traffic system) में आई बड़ी तकनीकी खराबी की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है। केंद्र सरकार ने यह फैसला शुक्रवार शाम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) कार्यालय में बुलाई गई बैठक में लिया। बैठक में एयरपोर्ट प्रबंधन, सुरक्षा एजेंसियों और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए।

जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं सिस्टम में आई खराबी किसी बाहरी साइबर हमले का नतीजा तो नहीं थी। 7 नवंबर को एयरपोर्ट के ऑटोमैटिक मैसेज स्विच सिस्टम (AMSS) में अचानक गड़बड़ी आने से उड़ान संचालन 12 घंटे से ज्यादा बाधित रहा। इस दौरान 800 से ज्यादा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स देरी से उड़ीं, जबकि 20 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। लगभग 48 घंटे बाद एयरपोर्ट संचालन सामान्य हो सका।

एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) के सूत्रों के अनुसार, ऑटोमेटेड सिस्टम लागू होने के बाद से इतनी देर तक खराबी रहने की यह पहली घटना थी। एक टर्मिनल से शुरू हुई तकनीकी दिक्कत ने पूरे सिस्टम को हैंग कर दिया, जिससे साइबर हमले की आशंका और गहरी हो गई है।

वहीं, एटीसी गिल्ड ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि यह घटना टाली जा सकती थी। गिल्ड के अनुसार, जुलाई 2025 में ही एयरपोर्ट के ऑटोमेशन सिस्टम में खामियों और अपग्रेड की जरूरत को लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को चेताया गया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

7 नवंबर को सुबह 9 बजे सिस्टम फेल हुआ और रात करीब साढ़े 9 बजे तक उड़ान संचालन प्रभावित रहा। दिनभर यात्रियों को एयरपोर्ट पर लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ा। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटरडार24 के अनुसार, सभी उड़ानों में औसतन 50 मिनट की देरी दर्ज की गई।

दिल्ली एयरपोर्ट की गड़बड़ी का असर मुंबई, भोपाल, अमृतसर, चंडीगढ़ समेत कई शहरों के एयरपोर्ट्स पर भी पड़ा। इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट और अकासा एयर जैसी कंपनियों को मैन्युअल प्रक्रिया से उड़ानें संचालित करनी पड़ीं।

एयरपोर्ट अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी-अपनी एयरलाइंस से संपर्क में रहें और उड़ानों की रियल टाइम जानकारी लेते रहें।