ढाका कोर्ट का बड़ा फैसला: छात्र हत्याकांड में शेख हसीना को फांसी, बोलीं– राजनीति से प्रेरित सजा

By : dineshakula, Last Updated : November 17, 2025 | 4:31 pm

ढाका: ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मुख्य षड्यंत्रकर्ता मानते हुए सोमवार को फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने पांच में से दो मामलों—हत्या के लिए उकसाने और हत्या का आदेश देने—में मौत की सजा और शेष मामलों में उम्रकैद का प्रावधान लागू किया है।

यह फैसला आते ही कोर्टरूम में मौजूद लोगों ने ताली बजाकर प्रतिक्रिया दी, जबकि न्यायाधीशों ने आदेश पढ़ते हुए कहा कि जुलाई 2024 के छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की पूरी जिम्मेदारी हसीना और उनके सहयोगियों की है।

ट्रिब्यूनल ने इस मामले में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान को भी 12 छात्रों की हत्या का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई। तीसरे आरोपी, पूर्व IGP अब्दुल्ला अल-ममून, जो सरकारी गवाह बन चुके हैं, उन्हें 5 साल की सजा दी गई है।

अदालत ने हसीना और असदुज्जमान खान दोनों की संपत्ति जप्त करने का भी आदेश दिया है।

✈︎ भारत में 15 महीने से रह रहे थे दोनों नेता

5 अगस्त 2024 के तख्तापलट के बाद शेख हसीना और असदुज्जमान खान बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गए थे और तब से यहीं रह रहे थे।

जिस कोर्ट की स्थापना की, उसी ने सुनाई सजा

विडंबना यह है कि जिस इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने अब उन्हें दोषी पाया, उसकी स्थापना शेख हसीना ने 2010 में स्वयं की थी। इस अदालत का मूल उद्देश्य 1971 के मुक्ति संग्राम से जुड़े युद्ध अपराधों की सुनवाई करना था।
1973 में कानून का ढांचा तैयार हो गया था, लेकिन प्रक्रिया वर्षों तक रुकी रही। हसीना सरकार ने इसे 2010 में पुनः सक्रिय किया था।

हसीना की प्रतिक्रिया – ‘यह फैसला राजनीति से प्रेरित’

सजा के तुरंत बाद हसीना ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया और कहा कि वर्तमान सत्ता प्रतिष्ठान उनके खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहा है।