अमित शाह के टारगेट से 12 दिन पहले मारे गए माओवादी कमांडर मावड़ी हिड़मा

By : dineshakula, Last Updated : November 18, 2025 | 4:58 pm

रायपुर (छत्तीसगढ़): भारत के सबसे खतरनाक माओवादी कमांडरों में से एक, मावड़ी हिड़मा (Hidma) को सुरक्षा बलों ने पुल्लागांडी के घने जंगलों में मार गिराया। यह जंगल आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के त्रि-सीमांत क्षेत्र में स्थित है। हिड़मा की हत्या केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा निर्धारित डेडलाइन 30 नवंबर से 12 दिन पहले हुई।

सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि हिड़मा को निर्धारित समय से पहले खत्म किया जाए। 1981 में सुकमा, छत्तीसगढ़ में जन्मे हिड़मा पीपुल्स लिबरेशन गैरिल्ला आर्मी (PLGA) के बटालियन कमांडर और माओवादी केंद्रीय समिति के सदस्य थे। उन्हें देश में 26 से अधिक बड़े नक्सली हमलों में सीधे शामिल होने का आरोप था और यही कारण था कि वह सुरक्षा बलों के लिए सबसे खतरनाक लक्ष्य बने हुए थे।

हिड़मा बस्तर से एकमात्र आदिवासी सदस्य थे जो माओवादी शीर्ष नेतृत्व का हिस्सा थे। उनकी मौत नक्सल आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका है और यह संकेत देती है कि देशभर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान सफलता की ओर बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान ऑपरेशनों की गति को देखते हुए, वामपंथी उग्रवाद को मार्च 2026 की डेडलाइन से पहले समाप्त किया जा सकता है।

सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई को न केवल एक रणनीतिक सफलता माना जा रहा है, बल्कि यह नक्सलियों के मनोबल को कमजोर करने और क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बहाल करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। हिड़मा की मौत के साथ ही नक्सलियों की कमान पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है, और अधिकारियों का कहना है कि इस सफलता से आगे चलकर नक्सली हिंसा को काफी हद तक कम किया जा सकता है।