रायपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुरक्षा बलों (security forces) को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार को कुल 12 सक्रिय नक्सलियों ने नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इन सभी नक्सलियों पर कुल मिलाकर 18 लाख रुपए से अधिक का इनाम घोषित था। सरेंडर करने वालों में दो एरिया कमेटी सदस्य भी शामिल हैं।
सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली राज्य सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित थे। इन नक्सलियों में एरिया कमेटी सदस्य, एलओएस (लोकल ऑपरेशनल स्क्वॉड), सीएनएम (संस्कृति नाट्य मंडली), पीपीसीएम (पोलित ब्यूरो प्रचार कमेटी मेंबर), मिलिट्री लाटून और जनताना सरकार के पदाधिकारी शामिल हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया बड़ा खुलासा
पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया ने बताया कि पूछताछ के दौरान नक्सलियों ने स्वीकार किया कि माओवादी नेतृत्व आदिवासियों के असली दुश्मन हैं। वे जल, जंगल और जमीन के नाम पर आदिवासी युवाओं को गुमराह कर हिंसा के रास्ते पर धकेलते हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने खुद को इस चक्रव्यूह से बाहर निकालने की इच्छा जाहिर की और समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास की सुविधा
राज्य सरकार की ओर से सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। साथ ही, पुनर्वास नीति के तहत उन्हें आवश्यक सहायता और सुविधाएं दी जाएंगी ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
नक्सल उन्मूलन में बड़ी उपलब्धि
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में कुल 928 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। वहीं, 2025 के पहले चार महीनों में यह संख्या 718 तक पहुंच चुकी है। इसी वर्ष अब तक 241 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं। केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है।
बदलती सोच, बदलता बस्तर
नारायणपुर पुलिस का मानना है कि यह आत्मसमर्पण आदिवासी समाज की बदलती सोच और सुरक्षाबलों की रणनीति की सफलता का प्रतीक है। अधिकारियों को उम्मीद है कि आने वाले समय में और भी नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटेंगे।