सुकमा में 1.18 करोड़ रुपये के 23 नक्सलियों ने किया सरेंडर, इनमें सबसे खतरनाक PLGA बटालियन के सदस्य भी शामिल
By : hashtagu, Last Updated : July 12, 2025 | 1:24 pm
जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है, जहां 1.18 करोड़ रुपये के इनामी 23 नक्सलियों (Naxalites) ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन 23 नक्सलियों में से 8 माओवादी PLGA बटालियन नंबर 1 के सदस्य हैं, जो नक्सलवाद की दुनिया के सबसे खतरनाक और कुख्यात सदस्य माने जाते हैं। इनमें एक प्रमुख नक्सली लोकेश उर्फ पोड़ियाम भीमा भी शामिल है, जिसने 2012 में सुकमा के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेमन का अपहरण किया था।
इस सरेंडर में 9 महिला नक्सलियों के अलावा 3 दंपत्तियों का भी समर्पण हुआ है, जिन्होंने अब हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में लौटने का निर्णय लिया है। ये सभी नक्सली अलग-अलग मुठभेड़ों में सैकड़ों जवानों की हत्या में शामिल रहे हैं।
यह सरेंडर नक्सलवाद पर एक बड़ी चोट है, क्योंकि यह बस्तर क्षेत्र में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में इनामी नक्सलियों का समर्पण है। इस घटनाक्रम के बाद, पुलिस का मानना है कि इन नक्सलियों के पास महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है, जो नक्सल ऑपरेशनों में मददगार साबित हो सकती है।
इनामी नक्सलियों में शामिल हैं प्रमुख सदस्य
सरेंडर करने वाले इन नक्सलियों में 1 DVCM, 6 PPCM, 4 ACM और 12 पार्टी सदस्य शामिल हैं। 11 नक्सलियों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जबकि 4 नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपये, 1 नक्सली पर 3 लाख रुपये और 7 नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम रखा गया था।
बड़े कैडरों के साथ काम कर चुके हैं ये नक्सली
इन नक्सलियों में रमेश उर्फ कमलू CCM और 1 करोड़ रुपये के इनामी नक्सली माड़वी हिड़मा का सुरक्षा गार्ड है। इसके अलावा, माड़वी जोगा BNPC राजे उर्फ राजक्का और नुप्पो लच्छू SZCM सन्नू दादा का भी गार्ड रहा है। इनकी जानकारी से नक्सल संगठन की गतिविधियों के बारे में कई महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं, जो आगे चलकर पुलिस ऑपरेशनों में मददगार साबित हो सकते हैं।
लोकेश उर्फ पोड़ियाम भीमा का कुख्यात इतिहास
लोकेश उर्फ पोड़ियाम भीमा, जो 8 लाख रुपये का इनामी नक्सली है, ने भी सरेंडर किया है। वह दक्षिण सब जोनल ब्यूरो टीम का कमांडर था और कई प्रमुख नक्सली हमलों में शामिल रहा है। 2012 में कलेक्टर एलेक्स पॉल मेमन का अपहरण करने के अलावा, वह 2017 में बुर्कापाल मुठभेड़ और 2021 में टेकलगुड़ा मुठभेड़ में भी शामिल था, जिनमें कुल 46 जवान शहीद हुए थे।
लोकेश ने कई अन्य हमलों में भी अपनी भूमिका निभाई थी, जिनमें पुलिस वाहनों पर IED हमले और एंबुश जैसी घटनाएं शामिल हैं। इन घटनाओं में कई जवान शहीद हुए थे और इन घटनाओं के बाद से वह पुलिस के लिए सबसे कुख्यात अपराधियों में से एक था।




