BJP के 3 सियासी मुद्दे-‘खाद्यान्य घोटाला-नियमितिकरण-नग्न प्रदर्शन’! कौशिक का ‘सरकार’ पर वार…VIDEO
By : hashtagu, Last Updated : July 20, 2023 | 5:47 pm
उन्होंने कहा, पिछले विधानसभा सत्र में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत जी के द्वारा 24 तारिख को कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात की गई थी। उन्होंने तो इस बात को स्वीकार किया है कि अनियमितता पाई गई है, और अनियमितता पाए जाने के बाद में जिस प्रकार से कार्रवाई हाेनी चाहिए। उन्होंने माननीय हाईकोर्ट का हवाला दिया कि कोर्ट में 34 याचिकाएं लगाई गई हैं। लेकिन उस याचिका को लगाने के बाद माननीय उच्च न्यायालय द्वारा क्या डारेक्शन दिया गया, जिसके कारण यहां जवाब देना न पड़े और उससे जो मंत्री बचते रहे। उन्होंने यह नहीं बताया माननीय हाईकोर्ट के द्वारा क्या उसपे निर्देश जारी किया गया है, जिससे उसपे जांच नहीं हो सकती।
कहा-वास्तविक में जो हम लोगों ने पहली बार आरोप लगाया, 51 सौ करोड़ रुपए के घोटाला, जो चावल में किया गया है। उसमें और ये तथ्य सामने आ रहे हैं कि बिलासपुर में जिस तरीके दुकान को निलंबित किया गया है, एफआईआर किया गया है। रायपुर में जिस प्रकार से किया गया है, अंबिकापुर में जिस प्रकार से किया गया है। सीतापुर में किया गया है। ये मामला प्रमाणित हो गया है कि बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है। इसको लेकर जवाब न देना पड़े, इसलिए उच्च न्यायालय का हवाला दिया। लेकिन जो जवाब आनी चाहिए, मंत्री जी जवाब से बचते रहे लेकिन कब तक जवाब से बचेंगे। क्योंकि जब से कांग्रेस की सरकार आई है, लगातार घोटाला ही घोटाला चला रहा है। इसमें लगभग 51 सौ करोड़ का घोटाला है जो लगभग साबित हो रही है।
नग्न प्रदर्शन पर भी भूपेश सरकार पर साधा निशाना
उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ में जो घटना हुई है, मैं समझता हूं न केवल छत्तीसगढ़ की बदनामी हुई, पूरे देश का सिर झुकाने का काम छत्तीसगढ़ ने किया है। और जिस प्रकार से यहां पर सरकार के द्वारा उसके बाद भी उसका इंटेलिजेंस फेल है। कार्रवाई कुछ कर नहीं पा रही है। उसके साथ में यह पहला प्रदर्शन नहीं है, एक बार आपको मालूम होगा, जो खालिस्तान का नारा लगाते हुए निकल गए थे। उसके बाद में जो ये नग्न प्रदर्शन हुआ, निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ में पूरे देश को जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने का काम किया है।
कहा-कल मुख्यमंत्री जी के घोषणा करने के बाद भी जिस बात का हम लोगों ने स्थगन दिया कि अनियमित कर्मचारी हैं, संविदा कर्मचारी हैं, दैनिक वेतनभोगी हैं। वे धरना में बैठे हुए हैं और उन्होंने ये तय किया कि वे धरना में बैठे रहेंगे। मुख्यमंत्री ने जो घोषणा किए उस पर एक प्रकार से अविश्वास व्यक्त किया गया। और लगभग 4 लाख-5 लाख अधिकार और कर्मचारी हैं। इसके अलावा जो 145 कर्मचारी संगठन है, ऐसे लोग लगातार धरना पर बैठे रहे कि सरकार ने जो घोषणा पत्र जारी किया। और जारी करने के बाद में जो सरकार आई। और सरकार आने के बाद उनके जो नियमितिकरण की बात थी, जो रेगुलर करने की बात थी। इसको लेकर महत्वपूर्ण स्थगन हम लाेगाें ने आज उठाया था। चाह रहे थे कि उस पर पूरी चर्चा होनी चाहिए क्योंकि प्रदेश के 5 लाख कर्मचारी और अधिकारियों के जीवन और भविष्य का सवाल है।
बहुत सारी चीजें जो उसमें दिए गए हैं, लेकिन इस सरकार के द्वारा जो दैनिक वेतनभाेगी, जो अनियमित कर्मचारी जो 87 हजार से ऊपर हैं। ऐसे लोगों को जो होना चाहिए लेकिन स्थगन पर चर्चा नहीं हुई। लेकिन हम लोग चाहते थे कि स्थगन पर चर्चा हो। हमने इस बात पर शासन का ध्यान आकर्षित किया है और हम उम्मीद करते हैं, कि इनको रेगुलर किया जाना चाहिए। ताकि ये भविष्य में निश्चिंत होकर नौकर कर सके, यह हम लोगों की अपेक्षा है।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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