अबूझमाड़ : गजब की पॉलिसी,झाड़ी दिखाओ नक्सल दंश से मुक्ति पाओ

By : madhukar dubey, Last Updated : January 24, 2025 | 5:04 pm

  • अबूझमाड़ के नक्सलियों के लिए पुलिस ने जारी की नई सरेंडर पॉलिसी
  • नारायणपुर पुलिस की ओर से सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए नई पॉलिसी शुरू की गई है। कैंप के सामने खड़े होकर पेड़ की झाडिय़ों को दिखाने वालों को यह समझा जाएगा कि वह नक्सलियों की बंदिशों को छोड़कर मुख्यधारा में जुडऩा चाहता हैं।
  • नारायणपुर। लाल आतंक के खिलाफ बस्तर में जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान नारायणपुर पुलिस की ओर से सरेंडर (Surrender from Narayanpur Police during anti Naxal operation)करने वाले नक्सलियों के लिए नई पॉलिसी (New policy)शुरू की गई है। जिसके तहत कैंप के सामने खड़े होकर पेड़ की झाडिय़ों को दिखाने वालों को यह समझा जाएगा कि वह अबूझमाड़ के विकास के लिए नक्सलियों की बंदिशों को छोड़कर मुख्यधारा में जुडऩा चाहता हैं। जिसे नक्सल पुनर्वास नीति के तहत सरकार की योजनाओं से जोड़कर माड़ के विकास और बेहतरी के लिए मुख्यधारा में लौटाया जाएगा।

    नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि, हाल ही के दिनों में हार्डकोर नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद उनसे हुई इन्वेस्टिगेशन में एक बात हाईलाइट हुई कि अबूझमाड़ में सक्रिय बहुत सारे नक्सली सरेंडर करना चाहते हैं। लेकिन, वे खुलकर एक दूसरे से नहीं बोल पा रहे हैं। नक्सल पंथ छोड़कर आने वाले नक्सलियों की बातों को सुनने के बाद सरेंडर पॉलिसी को सरल और सुगम बनाया गया हैं।

    उन्होंने बताया कि अबूझमाड़ प्रकृति का एक प्रतीक है कोई भी प्राकृतिक संकेत दिखाकर आत्मसमर्पण आसानी से किया जा सकता है। नारायणपुर पुलिस की ओर से सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए एक सिंबल बनाया गया है। जिसके तहत कैंप के पास आकर पेड़ की झाड़ी दिखाने वाले को यह समझ जाएगा कि वह मुख्यधारा में जुडऩा चाहते हैं। पुलिस कप्तान प्रभात कुमार के मुताबिक जिले के सभी पुलिस थाना और कैंप के अधिकारियों को ब्रीफ कर दिया गया है जिसके तहत थाना के सामने खड़े होकर झाडिय़ां दिखाने पर पुलिस यह समझेगी कि वह मुख्य धारा से भटके हुए लोग अब सरकार के साथ जोड़कर समाज का हिस्सा बने आ रहे हैं।

    नक्सलियों ने किया सरेंडर

    नक्सलवाद के अंतिम दौर की लड़ाई के बीच अति संवेदनशील नारायणपुर जिले के कुतुल एरिया कमेटी के इंटेलीजेंस प्रभारी समेत आठ नक्सलियों ने पेड़ की टहनियों को दिखाकर पुलिस के सामने सरेंडर किया हैं। नारायणपुर पुलिस द्वारा चलाएं जा रहे आत्मसमर्पण नीति ‘माड़ बचाओ अभियान’ से प्रभावित होकर माओवादी संगठन के दिलीप ध्रुवा, सुधराम पोयाम, सुकली तिम्मा, सोनी कोर्राम सहित 4 माओवादियों अमृता नुरेटी व घस्सी पोडिय़ाम,मंगलु कश्यप, सुदनी वड़दा ने नक्सली पंथ से तौबा कर मुख्यधारा में लौट आए हैं।

    हिंसा छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ें

    पुलिस अधिकारियों के द्वारा अबूझमाड़ के नक्सलियों से अपील करते हुए कहा गया है कि हिंसा को छोड़कर मुख्यधारा में जुड़े और माड़ के विकास और बेहतरी के लिए सरेंडर करें। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मांगों को सरकार के सामने रखें जिसे सरकार जरूर अपनाएगी। दीगर प्रदेशों के नक्सलियों के बहकावे में आए स्थानीय आदिवासी युवकों को आत्म समर्पण करने के लिए भरोसा दिलाया गया हैं।

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