रायपुर। कांग्रेस कमेटी की राजीव भवन (Rajiv Bhawan of Congress Committee) में दो दिनों तक बैठक चली। चर्चा है कि बुधवार को राजीव भवन में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत (Leader of Opposition Dr. Charandas Mahant) के अगल कमरे की डिमांड पर खींचतान के हालात पैदा हो गए। बात इतनी बढ़ी कि खुद नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में हस्तक्षेप कर बात को खत्म किया। दरअसल, 9 और 10 जुलाई को कांग्रेस में दो दिनों तक लगातार मंथन चला। जिसमें नगरीय निकाय चुनाव, उपचुनाव और संगठन की सक्रियता को लेकर चर्चाएं हुई हैं।
पूर्व मंत्री ने रखा नेता प्रतिपक्ष के कमरे का प्रस्ताव
10 जुलाई को हुई सीनियर नेताओं की बैठक में एक पूर्व मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत को राजीव भवन में एक रूम दिए जाने की बात रखी। पूर्व मंत्री का तर्क था कि नेता प्रतिपक्ष अगर समय-समय पर यहां आकर बैठ सकें। समन्वय से काम हो पाए। इससे कार्यकर्ताओं को सहूलियत होगी। इस प्रस्ताव पर सरकार में बड़े पद पर रहे एक सीनियर नेता ने अपनी असहमति देते हुए कहा कि, कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को कमरा देने की परंपरा नहीं रही है। इस पर उस समय के नेता प्रतिपक्ष ने भी इसी बीच याद दिलाया गया कि पुराने भवन और राजीव भवन में भी पहले कमरा था, लेकिन बाद में इसे किसी और को दे दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष ने शांत कराई बहस
सीनियर नेताओं की इस खींचतान में पार्टी अध्यक्ष ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, सभी मिलकर फैसला कर लें, जो सभी को मंजूर होगा वो कर लिया जाएगा। खुद नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने हस्तक्षेप कर कहा कि, हमें अन्य मुद्दों पर बात करनी चाहिए।
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
बैठक में बलौदाबाजार मामले पर डहरिया कमेटी की जांच रिपोर्ट और गुरू रूद्रकुमार के सामाजिक जांच रिपोर्ट पर भी मंथन का दौर चला। इसके अलावा नगरीय निकाय और उपचुनाव को लेकर भी सीनियर नेताओं ने मंथन किया।
बैठक में यह नेता हुए थे शामिल
सीनियर नेताओं की इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज, वरिष्ठ नेता धनेन्द्र साहू, पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर, डॉ. शिव डहरिया, ताम्रध्वज साहू, जयसिंह अग्रवाल, उमेश पटेल, रूद्र गुरू, राजेन्द्र तिवारी, सांसद ज्योत्सना महंत समेत सभी सीनियर लीडर्स मौजूद रहे।
इनपुट (मिडिया रिपोर्ट)
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