हिड़मा की मौत का असर: 48 लाख के इनामी समेत 15 नक्सली सरेंडर
By : dineshakula, Last Updated : November 24, 2025 | 10:24 pm
सुकमा: आंध्र–छत्तीसगढ़ सीमा पर मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा की मौत के बाद नक्सली संगठन (Naxal organisation) में भारी हड़कंप मचा हुआ है। इसी डर और निराशा के माहौल के बीच सुकमा पुलिस को सोमवार को बड़ी सफलता मिली। जिले में 48 लाख के कुल इनामी 15 सक्रिय माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। इनमें 5 महिलाएं और 10 पुरुष शामिल हैं।
सभी नक्सलियों ने सुकमा एसपी कार्यालय में पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण की मौजूदगी में सुरक्षाबलों के सामने हथियार डाले। आत्मसमर्पण करने वालों में पीएलजीए की बटालियन नंबर-1 के चार हार्डकोर कैडर भी शामिल रहे, जिन पर एक-एक पर 8 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस ने इन चारों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की।
पुलिस के मुताबिक हिड़मा की मौत के बाद नक्सली संगठन में नेतृत्व संकट गहरा गया है, साथ ही सुरक्षा कैंपों में बढ़ोतरी, छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति-2025 और अंदरूनी इलाकों में पुलिस की मजबूत पकड़ ने माओवादियों के मनोबल को तोड़ दिया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने संगठन के भीतर फैले उत्पीड़न, बाहरी नेताओं के दबाव और ग्रामीणों के साथ होने वाले अत्याचारों से तंग आकर लौटने का निर्णय लिया।
मुख्यधारा में लौटने वाले प्रमुख नक्सली:
PPCM माड़वी सन्ना, सोड़ी हिड़मे, सूर्यम उर्फ रव्वा सोमा और मीना उर्फ माड़वी भीमे — इन सभी पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था। इनके अलावा ACM सुनिता उर्फ कुहराम हुंगी और मड़कम पांडू (दोनों पर 5-5 लाख), कुंजाम सिंगा (3 लाख) सहित अन्य 8 माओवादी शामिल हैं। इनमें से कई मिलिशिया, KAMS/DAKMS, RPC जनताना सरकार और आर्थिक कमेटी के सदस्य थे।
एसपी किरण चव्हाण ने कहा कि नक्सल हिंसा किसी के जीवन को बेहतर नहीं बना सकती। मुख्यधारा में लौटने वाले सभी लोगों को सरकार की योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में और भी नक्सली आत्मसमर्पण कर सकते हैं।




