कभी माओवादियों के गढ़ के रूप में कुख्यात रहा बस्तर अब विकास और पर्यटन की नई राह पर बढ़ चला है। राज्य सरकार यहां जम्मू-कश्मीर मॉडल पर होम स्टे
4 जनवरी की शाम से सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ जारी है। सर्च ऑपरेशन के दौरान अब तक 4 वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं।
गुरुवार को हुई मुठभेड़ माओवादियों के लिए बड़ा झटका है, जो राज्य में अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे थे।
बीजापुर वह जिला है जहां नक्सली गतिविधियों ने आम आदमी की जिंदगी ही बदल दी थी। यहां विकास की रोशनी कम ही पहुंची और सुविधाएं कोसों दूर हुआ करती थी।
बताया जाता है कि आमतौर पर डीआरजी के जवान नक्सल प्रभावित इलाकों में वाहन का उपयोग कर कम जाते हैं, बहुत ज्यादा जरूरी होने पर वे दुपहिया वाहन का इस्तेमाल करते हैं।
छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा के चलते 2018 से 28 फरवरी 2023 तक कुल 175 सुरक्षकर्मियों की मौत हुई है। वहीं इस दौरान 345 आम नागरिक भी मारे गए हैं।
छत्तीसगढ़ में बीते कुछ समय में बढ़ी नक्सली (Naxal) गतिविधियों ने सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ा दी है। पहले नक्सलियों ने बेकसूर लोगों को निशाना बनाया और फिर सुरक्षा बल से मुठभेड़ हुई।
सुकमा जिले (Sukma district) में नक्सलियों और जवानों के बीच मुठभेड़ चल रही है।