राइस मिलर्स के लंबित मांगों पर बनी सहमति, राशि का होगा जल्द भुगतान
By : madhukar dubey, Last Updated : December 1, 2024 | 9:38 pm
रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव न होने के कारण (Due to non-harvest of paddy)केन्द्रों में जाम की स्थिति और किसानों को धान बेचने में हो रही दिक्कत का समाधान हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर शासन स्तर पर इस समस्या के समाधान(solution to the problem) के लिए लघु उद्योग भारती एवं भारतीय किसान संघ के साथ राइस मिल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच हुई सकारात्मक बातचीत से राईस मिलर्स ने धान खरीदी केन्द्रों से धान का नियमित रूप से उठाव करने और कस्टम मिलिंग जारी रखने का निर्णय लिया है। शासन द्वारा मिलर्स के बीते वर्षों के बकाया प्राशि का जल्द ही भुगतान के आश्वासन के साथ उनके अन्य मांगों का हल निकाला गया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल एवं स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जयसवाल के प्रयासों से हुई बैठक का परिणाम यह रहा कि धान उपार्जन केन्द्रों से मिलर्स लगातार धान का उठाव करेंगे और तेजी से कस्टम मिलिंग कर अपने-अपने हिस्से का चावल भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा करेंगे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर किसानों से धान उपार्जन किया जा रहा है। उपार्जन केन्द्रों में बड़ी मात्रा में धान की आवक हो रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राईस मिलर्स के लंबित राशि का जल्द भुगतान करने का निर्णय लिया गया। राईस मिलर्स ने शासन के इस फैसले पर सहमति जताते हुए केन्द्रों से धान का उठाव और मिलिंग करने की सहमति दी है, जिसके चलते उपार्जन केन्द्रों से धान का उठाव तेजी से होगा और किसानों को धान बेचने में दिक्कत नहीं आएगी।
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों प्रदेश संगठन मंत्री तुलाराम, प्रदेशाध्यक्ष माधव ठाकुर, प्रदेश महामंत्री नवीन शेष और प्रदेश कोषाध्यक्ष गजानंद तिधरसकर सहित लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंघानिया , प्रदेश महामंत्री डॉ सीपी दुबे, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मोहन पटेल ने किसानों की समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल के प्रति आभार जताया है।
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