100 करोड़ की जमीन हड़पने का गजब फर्जीवाड़ा, ऐसे पकड़ में आया मास्टर माइंड
By : madhukar dubey, Last Updated : December 21, 2024 | 11:03 pm
बता दें, पूर्व में आरोपी रजनीश जैन को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से घटना से संबंधित एक नग मोबाइल फोन जप्त किया जा चुका है। प्रकरण में संलिप्त अन्य आरोपी घटना को अंजाम देने के पश्चात से लगातार फरार चल रहे थे। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा घटना में संलिप्त अन्य आरोपियों के पातासाजी हेतु उनके छिपने के हर संभावित ठिकानों में रेड कार्यवाही कर उनको गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे थे। इसी दौरान टीम के सदस्यों प्रकरण में संलिप्त आरोपी संजय कुमार जैन की रायपुर में उपस्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा आरोपी संजय कुमार जैन की पतासाजी कर पकड़ा गया पूछताछ में आरोपी द्वारा उक्त घटना को अंजाम देना स्वीकार किया गया। जिसकी पहचान कराने के लिए जेल में बंद इस मामले में रजनीश जैन को रिमांड पर लेकर संजीव जैन की शिनाख्त भी पुलिस ने कराई। जिस पर आरोपियों ने फर्जीवाड़ा करने की बात को कबूल किया है। पुलिस के मुताबिक अरोपियों के साथ फर्जीवाड़े में शामिल एक अन्य साथी फरार चल रहा है। गिरफ्तार आरोपी संजय कुमार जैन पिता सुरेशचंद्र जैन उम्र 63 साल साकिन दावडा कालोनी नौकार गेस्ट हाउस के पास पचपेड़ी नाका थाना टिकरापारा जिला रायपुर निवासी है।
इन जमीन के रकबे को हड़पने ऐसा रचा था फर्जीवाड़े का खेल
पीडि़त प्रार्थिया श्रीमती कमलेश जैन ने थाना मंदिर हसौद में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह एफ-10 ग्रीन पार्क एक्सटेंशन साऊथ वेस्ट दिल्ली की है तथा उसके स्वामित्व की भूमि ग्राम-तांदुल, प.ह.नं.20, रा.नि.मं. मंदिरहसौद, तहसील आरंग, जिला रायपुर छत्तीसगढ में स्थित है। जिसका भूमि खसरा नंबर क्रमश: 6, 12, 17, 18, 20, 25, 59, 75 एवं 84 रकबा क्रमश: 0.140 हे., 0.530 हे., 0.140 हे., 0.090 हे., 7.620 हे., 1.920 हे., 0.100 हे., 0.570 हे. एवं 1.880 हे. कुल रकबा 12.990 हेक्टेयर स्थित है, जिसका ऋण पुस्तिका क्र. 1496355 है। प्रार्थिया को कुछ समय पूर्व ज्ञात हुआ था कि रजनीश कुमार जैन एवं उसके साथियों के द्वारा प्रार्थिया को मृत बताकर उसके नाम का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तथा उसका फर्जी वसीयतनामा श्रीमान तहसीलदार महोदय के समक्ष प्रस्तुत कर मंदिर हसौद जिला रायपुर के कार्यालय में उपरोक्त भूमि के नामांतरण हेतु आवेदन किया गया था। जिसे तहसीलदार मंदिर हसौद के द्वारा दिनांक 06.08.2024 को निरस्त किया गया है।
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