CM विष्णुदेव साय का ऐलान! कहा-नक्सलवाद खत्म होने तक चुप नहीं बैठेंगे

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुकमा-बीजापुर जिले में नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की नक्सल उन्मूलन

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  • Updated On - June 3, 2024 / 03:34 PM IST

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Chief Minister Vishnu Dev Sai) ने सुकमा-बीजापुर जिले में नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति और नियद नेल्लानार योजना (Niyad Nellanar Scheme) से प्रभावित होकर नक्सली बंदूक छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार तब तक चुप नहीं बैठेगी जब तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का खात्मा नहीं हो जाता।

मुख्यमंत्री साय ने हाल ही में सोशल मीडिया पर इस मामले में दो अलग-अलग पोस्ट की हैं, जो सरकार के नक्सलवाद के प्रति रुख को दिखा रहा है। अपनी पहली पोस्ट में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लिखा है कि सुकमा जिले में सक्रिय 4 इनामी नक्सलियों सहित 8 नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किए जाने की सुखद खबर प्राप्त हुई।

  • हमारी सरकार की “छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति” एवं “नियद नेल्लानार योजना” से प्रभावित होकर नक्सली बंदूक छोड़कर समाज की मुख्य धारा में लौट रहे हैं, जिनके पुनरुत्थान के लिए हमारी सरकार तत्पर है। इसी तरह दूसरी पोस्ट में सीएम ने लिखा है कि सुरक्षाबल के जवानों ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए बीजापुर जिले से 16 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। जवानों को मिल रही बड़ी कामयाबी से हम नक्सल मुक्त बस्तर की ओर अग्रसर हो रहे हैं। प्रदेश से जब तक नक्सलवाद का खात्मा नहीं हो जाता, तब तक हमारी सरकार चुप नहीं बैठेगी।

दरअसल नियद नेल्ला नार योजना का मतलब आपका अच्छा गांव है। इस योजना के तहत बस्तर के आदिवासियों को कई मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से कई सुविधाएं अब तक आदिवासी क्षेत्रों में नहीं पहुंची है।

अब तक 122 नक्सली ढेर

सरकार नक्सलियों पर दबाव बनाने में कोई कमी भी नहीं छोड़ रही। सर्च ऑपरेशन में नक्सलियों का सामना होने पर एकाउंटर भी हो रहे हैं। 3 दिसंबर 2023 से शपथ लेने के बाद अब तक बीते 5 महीनों में 122 नक्सली सरेंडर में मारे जा चुके हैं। इसे लेकर हाल ही में अपने बयान में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा था कि 415 नक्लसियों ने आत्मसमर्पण और 423 गिरफ्तार हुए हैं। उस शुभ दिन का इंतजार है, जब सबसे ज्यादा नक्सली सरेंडर करें।

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