रायपुर। कांग्रेस संगठन में फेरबदल को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव (BJP State President Arun Sao) ने तंज कसा। उन्होंने कहा, कांग्रेस की गैंगवार (Congress gang war) के कारण छत्तीसगढ़ की जनता के हित प्रभावित हो रहे हैं। कांग्रेसियों को आपस में लड़ने से फुर्सत नहीं है। यह गृह युद्ध कांग्रेस की सरकार बनने के फौरन बाद से शुरू हुआ है जो साढ़े 4 साल से बदस्तूर जारी है और इस युद्ध की पूर्णाहुति इस चुनाव में होने वाली है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस की लड़ाई का आलम यह है कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष को संगठन चलाने की इजाजत नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सत्ता के साथ-साथ संगठन पर भी तानाशाही चला रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष अपने संगठन में कोई जिम्मेदारी तय करते हैं तो उसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश प्रभारी से निरस्त करवा देते हैं। कांग्रेस में यह सब चल क्या रहा है।
यह सत्ताधारी संगठन है या हस्तिनापुर? कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ से होने वाली भ्रष्टाचार की काली कमाई की चकाचौंध से धृतराष्ट्र की भूमिका में दिखाई देता है और यहां कांग्रेस के दुर्योधन छत्तीसगढ़ में जनता के हितों की उपेक्षा करके, शोषण की राजनीति करके, बड़े बड़े घोटाले करके साढ़े 4 साल का वक्त गुजार चुके हैं। अब चला चली की बेला में कांग्रेस के भीतर जो महासंग्राम चल रहा है, वह छत्तीसगढ़ के हित में नहीं है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम आदिवासी समाज से हैं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी तानाशाही टीम या यह कहें कि भूपेश बघेल का सिंडिकेट मरकाम को बंधक बनाए हुए है। उन्हें संगठन चलाने की अनुमति नहीं है। जब से मोहन मरकाम ने कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है, तब से आए दिन उनका अपमान होता रहा है। मोहन मरकाम के साथ अपमानजनक व्यवहार आदिवासी समाज का अपमान है। कांग्रेस में आदिवासी समाज से होना मरकाम के लिए गुनाह बन गया है
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