विधानसभा सत्र : अजय चंद्राकर हुए स्वास्थ्य मंत्री पर फायर ? कहा- सिकलसेल के इलाज के लिए क्यों नहीं बना पाए व्यवस्था

By : madhukar dubey, Last Updated : March 5, 2025 | 7:30 pm

–सिकलसेल के मरीजों के इलाज के मुद्दे पर घिरे स्वास्थ्य मंत्री
–अजय चंद्रकार ने कहा 11 बैठकें के बाद भी व्यवस्था नहीं बना पाए

—कहा-सवाल का जबाव नहीं दे पा रहे हैं, जो पूछ रहा हूं उसे प्वाइंटवार ही जवाब दें

रायपुर। सिकलसेल संस्थान(Sickle Cell Institute) में सिकलसेल के मरीजों की इलाज की सुविधा(patient treatment facility) नहीं होने का मामला सदन में उठा। ध्यानाकर्षण के जरिए भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने मामला उठाया।

अजय चंद्राकर ने कहा कि- पीडि़त मरीज अपनी मौत का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में सिकलसेल बीमारी से 25 लाख लोग पीडि़त है। सिर्फ एक ही चिकित्सा संस्थान रायपुर में है लेकिन पर्याप्त विशेषज्ञ नहीं है। कोई रिसर्च नहीं किया जाता। संचालन के लिए स्वयं का भवन तक नहीं है। मरीज इलाज के लिए दर दर भटक रहे हैं।

स्वाथ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि-राज्य में एकमात्र सिकलसेल संस्थान है। राज्य के सरकारी चिकित्सालय में सिकलसेल प्रबंधन सेल शुरूकिया गया है। सिकलसेल को लेकर वैज्ञानिकों ने 19 शोध पत्र प्रकाशित किया है. चिकित्सकों की नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सिकलसेल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में बोनमैरो ट्रांसप्लांट की व्यवस्था शुरू की जा रही है।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा- जब मैं स्वास्थ्य मंत्री था तक सिकलसेल संस्थान शुरू किया गया था। भूपेश सरकार तो सिर्फ भवन के लिए नारियल फोड़कर चुप बैठ गई। मंत्री बताए कि संस्थान में कितने डॉक्टर और विशेषज्ञ हैं।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- प्रदेश में सिकलसेल के लिए बड़ा काम किया गया है। 23 जून 2023 को भूपेश सरकार ने आनन-फामें सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के लिए भूमिपूजन कर लिया था। हमारी सरकार आने के बाद से अब तक 11 बैठकें हम कर चुके हैं।180 का सेटअप है. 28 कार्यरत हैं। इनमें से 4 विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। हमारा प्रयास होगा कि जल्द से जल्द डॉक्टरों की भर्ती की जाए। जब तक भर्ती नहीं होती तब तक डॉक्टरों को अटैच कर कार्यवाही की जाएगी।

अजय चंद्राकर ने पूछा- संस्थान में कितनी मशीन उपलब्ध है, और कितने मानव संसाधन है?

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि-आवश्यकतानुसार चार उन्नत मशीनें उपलब्ध हैं. जांच के लिए मानव संसाधन उपलब्ध है. प्रतिदिन 60 मरीजों की जांच की जा रही है. नौ तकनीशियन मशीनों को ऑपरेट करने के लिए हैं।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए कितने दिनों में बोनमैरो ट्रांसप्लांट, शोध आदि की अनुमति मिल जाएगी? संस्थान के ठीक बाजू का बंगले में मंत्री रहते थे। उस बंगले की जमीन को भी संस्थान के लिए दिया जाना था। क्या किसी तरह की आर्थिक अनियमितता की शिकायत पाई गई है?

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- करीब दो एकड़ जमीन थी। किसी भी तरह की आर्थिक अनियमिता की जानकारी नहीं है. यह दुर्भाग्य है कि किसी भी स्वास्थ्य मंत्री ने सिकलसेल संस्थान को मजबूत करने के लिए काम नहीं किया है। यह मेरी प्राथमिकता में है। अजय चंद्राकर जिस आर्थिक अनियमितता की जानकारी दे रहे हैं, उसका परीक्षण किया जाएगा और जरूरत पडऩे पर जांच कराई जाएगी।

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