विधानसभा सत्र : अजय चंद्राकर ने कहा-निजाम बदला है तो तौर तरीका भी बदलें, तभी जनादेश का सम्मान
By : hashtagu, Last Updated : March 6, 2025 | 11:21 pm

अजय चंद्राकर ने सत्ता और विपक्ष को जमकर धोया
साव को दे गए नसीहत तो विपक्ष पर तीखा वार करने से भी नहीं चूके
भूपेश ने टोका तो उन्हें भी ले लिया लपेटे
रायपुर। (CG Assembly session) विधानसभा सत्र में उपमुख्यमंत्री के विभाग के 2025-26 की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने गुरुवार को अपनी सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। मंद-मंद मुस्कुराती विपक्षी बेंच से भी अजय चंद्राकर के लिए धन्यवाद के दो बोल फूट पड़े। दूसरी बार के विधायक रामकुमार यादव को अजय चंद्रकार (Ajay Chandrakar) को धन्यवाद दिया कि कम से कम विपक्ष की बात ही सही अजय चंद्राकर उठा रहे हैं। इसके पूर्व अजय चंद्राकर ने शुरुआत में ही अरुण साव के विभाग के प्रतिवेदन पर ही सवाल खड़ा करते हुए इसके अधूरा होने की आशंका व्यक्त की। इसी बीच जैसे ही भूपेश बघेल ने कहा, ऐसे में चर्चा को रद्द कर देना चाहिए, पहले भी हमारे दौरान यह हो चुका है। तभी अजय चंद्राकार ने कहा-आपने टीएस सिंहदेव का अपमान करने में कोई भी कोर कसर छोड़ी थी क्या, प्रतिवेदन बंट गया लेकिन वे मौजूद नहीं थे इसलिए चर्चा रद्द हुई थी। भूपेश ने कहा डोगरगढ़ में आज तक एसटीपी नहीं लगा पाए, वहां हालत खराब है। फिर अजय चंद्रकार ने अरुण साव को निशाने पर लेते हुए कहा कि 653 गांवों में जलस्रोत नहीं फिर भी पाइप लाइन बिछने के साथ ही टंकियां भी बन गईं। इसमें सिर्फ ईई को ही निलंबित कर वाहवाही लूट रहे हैं। इसमेें और भी जो जिम्मेदार हैं, उनको क्यों बचाया गया। कहा-आपने लिखा है कि पुनरीक्षित किया गया है, ये पुनरीक्षित का खेल हैं।
हरि अनंत हरि कथा अनंता वाला खेल मत खेलिए
अजय चंद्राकर फायर होते हुए कहा-साव को नसीहत देते हुए कहा कि हमें जनता ने चुना है, इसलिए उनके भरोसे पर खरा उतरना है। कहा-निजाम बदला है, तौर तरीका भी बदलना जरूरी है, तभी जनादेश का सम्मान होगा। ये खेल कितने साल तक चलाएंगे, ये तो वही बात हुई हरि अनंत हरि कथा अनंता।
उन्होंने कहा कि प्रतिवेदन में 690 गांव घोषित, घोषित 190, प्रमाणित 90 ये अंतर क्या है। इस तरह के शब्दों की बाजीगरी बंद होनी चाहिए। आज हम जल जीवन मिशन के मामले में 28वें स्थान पर है। कहा कि सतही जल, और भूजल की क्या हालत है, इसके लिए कम से कम प्रतिवेदन तैयार करने से पहले कुछ स्थानों का दौरा कर लेते। रिचार्ज जल के लिए कोई नीति इस प्रतिवेदन में नहीं है। निजाम बदला है तो अपने अधिकारियों के काम करने का तौर तरीकों को बदलिए, नहीं तो ये आपको गुमराह करके रखेंगे, जहां थे वहीं फिर होगे।
अरुण साव जी, आप ऐसा सड़कों पर ऐसा काम करिए, गडकरी की तरह आप भी याद किए जाएं, नेता प्रतिपक्ष ने ली चुटकी
लोक निर्माण विभाग के प्रतिवेदन पर भी अजय चंद्रकार ने अपने वक्तव्य में धोकर रख दिया। उन्होंने कहा-शेर शाह सूरी को जीटी रोड और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने पूरे देश में सड़कों का जाल बिछाया। फिर नितिन गडकरी ने फोर लेन-सिक्सलेन सड़कों का जाल पूरे देश में फैलाकर उसे और मजबूत कर दिया। आप भी सड़कों के निर्माण के जरिए छत्तीसगढ़ के गडकरी बन जाए। तभी नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि अजय चंद्राकर जी, क्या आप उनको केंद्र में भेजना चाहते हैं। जिस पर चंद्रकार ने कहा नितिन गडकरी भी पहले स्टेट लेवल पर सड़क निर्माण में मिसाल बने थे, आज पूरे देश की सेवा कर रहे हैं।
सड़क हादसे में 33 हजार मौतें हुई, ब्लैक स्पॉट खत्म नहीं हुआ
अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश में सड़कों के चिह्नित ब्लैक स्पॉट को अभी तक खत्म नहीं हुआ है। जबकि आपने पिछले सत्र में इसी सदन में खत्म करने की घोषणा की थी। इस पर कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे क्या।
राजधानी जैसा मुझे रायपुर का एक भी इंडिकेशन नहीं
यहां वायु प्रदूषण के लिए कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया है। आप मुझको पब्लिक सेक्टर का कोई एक इंडीकेशन बता दीजिए। यहां की सीवरेज सिस्टम या पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए कोई इंतजाम नहीं है। सिटी बसों के संचालन कागजों से निकलकर धरातल पर उतरना चाहिए। मैंने एक बार एक तस्वीर देखी थी कि जिसमें पुलिस विभाग की शायद 200 बोलोरो खरीदी गई थी, जिसका उपयोग नहीं होने से वे रखे-रखे सड़ गई थीं। ऐसा हाल सिटी बसों न हो। रायपुर स्मार्ट सिटी को कांग्रेस ने अपने भ्रष्टाचार का स्मारक बना दिया है, जहां अब कोई भी अधिकारी जाने को तैयार नहीं है। बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण में 47 करोड़ का घोटाला। आजीविका मिशन को उपयोगी बनाया जाए प्रशिक्षण के साथ उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जाए। यहां मुख्यमंत्री वार्ड एक भी संचालित नहीं हैं।
अजय चंद्राकर की हिट पंच लाइनें एक नजर में
1-जूनियरों को प्रमोशन देने की संस्कृति बंद होनी चाहिए
2-दस्तावेज में सड़कों के लिए कोई नीति नहीं बनाई है, इसमें वो नीति शामिल हो कि जिन सड़कों पर उद्योगों के वाहन चलते हैं, उनकी क्षमता सामान्य सड़कों से अधिक होनी चाहिए। साथ ही राजनीति के हिसाब से सड़कों का निर्माण नहीं बल्कि भूगोल के हिसाब से होना चाहिए। इसमें चाहे कोई कांग्रेस के विधायक के क्षेत्र हो या भाजपा के विधायक का। नए सीएम हाउस के निर्माण में भी विसंगतियां है, उसे आपने ठीक नहीं कराया। आपके पास विषय विशेषज्ञ नहीं है, जिससे समय से काम खत्म हो सके। बड़ी विडंबना है कि स्नातक इंजीनियरों की जानकारी प्रतिवेदन में हैं कि जीवित पंजीयन व मृत पंजीयन इसे हटाइए क्या कोई और शब्द आपके अधिकारी को नहीं मिला। आपका विभाग पिछले बजट का सिर्फ 40 प्रतिशत ही खर्च कर पाया है। स्वच्छत भारत मिशन में प्रगति बड़ी विचित्र है, इसके दायरे में आने वाले सभी कार्यों के व्यय में शून्य-शून्य दर्शाया गया है।