भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला: 43 करोड़ की जमीन लूट, 7600 पन्नों का चालान दाखिल

By : dineshakula, Last Updated : October 13, 2025 | 6:53 pm

रायपुर:  छत्तीसगढ़ में भारतमाला प्रोजेक्ट (Bharat Mala Project) से जुड़े 43 करोड़ रुपए के जमीन अधिग्रहण घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में 7600 पन्नों का चालान पेश किया है। EOW ने इस मामले में 10 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें SDM, पटवारी और भू-माफिया शामिल हैं। आरोपियों ने जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से 78 करोड़ रुपए का भुगतान दिखाया, जबकि असली मुआवजा केवल 29.5 करोड़ रुपए बनता था।

EOW ने हरमीत सिंह खनूजा, उमा तिवारी, केदार तिवारी, विजय जैन, कुंदन बघेल, भोजराज साहू, खेमराज कोसले, पुन्नूराम देशलहरे, गोपाल वर्मा और नरेंद्र नायक के खिलाफ चालान दायर किया है। आरोप है कि इन्होंने बैक डेट में दस्तावेज तैयार कर जमीन के टुकड़े किए और रिकॉर्ड में 80 नए नाम जोड़ दिए। नायकबांधा और उरला गांव में एक ही परिवार की जमीन को 14 लोगों के नाम पर बांटकर 70 करोड़ रुपए मुआवजा दिला दिया गया।

EOW ने चालान में तकनीकी दस्तावेज, मोबाइल चैट, बैंक ट्रांजेक्शन और गवाहों के बयान शामिल किए हैं। अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच फर्जीवाड़े और संदिग्ध लेनदेन के सबूत मिले हैं। जांच में यह भी सामने आया कि अभनपुर बेल्ट में 9.38 किलोमीटर सड़क के लिए कुल 324 करोड़ मुआवजा तय हुआ था, जिसमें से 246 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है और 78 करोड़ रुपए का भुगतान फिलहाल रोका गया है।

25 अप्रैल को EOW ने रायपुर, महासमुंद, दुर्ग और बिलासपुर में 17 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के ठिकानों पर छापे मारे थे। जिन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई, उनमें शशिकांत कुर्रे (डिप्टी कलेक्टर), निर्भय साहू (पूर्व निगम कमिश्नर) समेत कई राजस्व अधिकारी शामिल हैं। दस्तावेजों की जांच में यह भी पाया गया कि एक ही परिवार को सर्वे से पहले ही जमीन बांट दी गई, ताकि ज्यादा मुआवजा लिया जा सके।

यह घोटाला उस समय सामने आया जब दैनिक भास्कर में रिपोर्ट प्रकाशित हुई, जिसके बाद कई अधिकारियों को सस्पेंड किया गया। EOW अब इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है।