सत्ता तलाशती BJP! ‘ओम माथुर-अमित शाह’ के फार्मूले पर काम….समझें सियासी प्लान

By : madhukar dubey, Last Updated : August 6, 2023 | 1:01 pm

रायपुर। 15 साल सत्ता में रहने के बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP in Assembly Elections) को कांग्रेस ने करारी हार दी। एक बार फिर बीजेपी सत्ता की राह तलाशती नजर आ रही है। इसके लिए बीजेपी ने संगठन में बदलाव तो किए ही साथ पार्टी में नव प्रवेश कराने में भी पूरा जोर दिया है। इसमें कलाकार, प्रबृद्धजन, सामाजिक संगठन के लोग भी शामिल है। इसके आलाव बीजेपी आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली है। इसमें बीजेपी के चतुर रणनीतिकार अमित शाह ने भी छत्तीसगढ़ बीजेपी संगठन को एक नया फार्मूले दिया। जिसे अंजाम देने के लिए उन्होंने चुनिंदा 10 नेताओं को इस काम में लगाया है।

2018 के विधानसभा चुनाव में तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर वोट पाने वाले उम्मीदवारों को पार्टी से जोड़ने पर भी काम करना है। इसके लिए 90 विधानसभा सीटों पर बीजेपी अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं के माध्यम से अवलोकन कर रहे है। साथ ही स्थानीय पदाधिकारियों के माध्यम से अन्य दलों के लोगों के संपर्क मेंं है। पिछले दिनों भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में डॉक्टर ओम प्रकाश देवांगन का भाजपा प्रवेश इसी रणनीति का हिस्सा है। बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में रायपुर ग्रामीण विधानसभा में ओम प्रकाश देवांगन जोगी कांग्रेस से उम्मीदवार थे। ये लगभग 10 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

ओम माथुर की निगरानी में फार्मूले पर काम

बीजेपी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने के लिए अमित शाह और प्रदेश प्रभारी ओम माथुर (Amit Shah and state in-charge Om Mathur) के फार्मूले पर काम कर रही है। इनकी सबसे पहली प्राथमिकता है कि सामाजिक संगठनों के प्रभावशाली लोगों को पार्टी से जोड़ना है। इसके आलावा वो लोग जिन्हें बीजेपी की विचारधारा से परहेज नहीं है। लेकिन पार्टी के कुछ पुराने नेताओं की कार्यप्रणाली से रूष्ठ होकर कांग्रेस को वाेट दिए थे। उनसे मिलकर गिले-शिकवे दूर कर फिर से बीजेपी में जोड़ने पर भी काम हो रहा है। मिलाजुलाकर बीजेपी की 2 प्राथमिकता है, पहले अलग हुए यानी छिटके लोग जो बीजेपी से प्रभावित थे, उन्हें फिर से साथ लाना। दूसरा समाजिक संगठनों के वे लोग जिनके साथ 500 से 1000 हजार सदस्य है। उन्हें भी साधने पर पूरा फोकस है। इसी पर ओम माथुर खुद काम रहे हैं, वे अपनी एक टीम के साथ सम्मानित लोगों से मिल रहे हैं। इसके अलावा बताया जा रहा है कि बड़ी मात्रा में दूसरे दलों व समाजों के नेता इस समय भाजपा के संपर्क में हैं। इसमें कांग्रेस के साथ ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, जोगी कांग्रेस, बसपा और सर्व आदिवासी समाज के नेता शामिल हैं।

समाजिक संगठन के प्रभावशाली लोगों को भी जोड़ने की मुहिम

भाजपा प्रदेश के सभी 90 विधानसभाओं में दूसरे दलों के साथ ही समाजों के प्रभावशाली नेताओं को पार्टी से जोड़ने की योजना है। पार्टी ने इन नेताओं की पहचान करके सूची भी तैयार कर ली है। इनको पार्टी से जोड़ने के लिए संपर्क का कार्यक्रम चल रहा है।

ग्रामीण अंचल में हारे हुए पंच और सरपंचों पर नजर

त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव में हारे हुए पंच, सरपंच के अलावा जिला पंचायत सदस्यों को भी दूसरे दलों से तोड़कर भाजपा प्रवेश कराने की भी योजना है। पार्टी ने इस काम की जिम्मेदारी अरूण साव, नारायण चंदेल, नितिन नवीन, अजय जामवाल, पवन साय, केदार कश्यप, संजय श्रीवास्तव व किरणदेव सहित दो अन्य नेताओं को भी दी है। इसमें खास बात है कि पार्षद और पूर्व पार्षदों को भी पार्टी में स्थान दिलाने की मुहिम चल रही है।

इधर, पुराने कार्यकर्ताओं में नवप्रवेश से नाराजगी

सूत्रों के मुताबिक जहां पार्टी में नवप्रवेश का कार्यक्रम जारी है। इसके बाद पार्टी में शामिल हाेने वाले नवप्रवेशी भी अपने नाम को प्रत्याशी के रूप में दावेदारी करने लगे हैं। भले ही वह पार्टी के संगठन तक नहीं पहुंचे हो लेकिन अपने नाम से वाल पेटिंग और बैनर आदि लटकाने लगे हैं। ऐसे में पुराने कार्यकर्ताओं का कहना है कि नए प्रवेश लेने वाले खुद को जनता के बीच उम्मीदवार बताने लगे हैं। इससे पुराने कार्यकर्ताओं में असंतोष व्याप्त हो रहा है। क्योंकि उनका मत है कि पुराने कार्यकर्ताओं को मौका मिलना चाहिए। वे नव प्रवेशी कार्यकर्ताओं के सम्मान देने के हक में हैं। लेकिन उनके द्वारा दावेदारी से नाराज भी है।

7 सीटों पर अंतर 5 हजार से कम

भिलाई नगर, कोटा, मनेंद्रगढ़, कुनकुरी, खैरागढ़, कोंडागांव और नारायणपुर। तीन सीटों पर अंतर 5 से 10 हजार कोंटा, बैकुंठपुर और जशपुर। 28 सीटों पर अंतर 15- 30 हजार

जीत- हार का अंतर विस सीटें

15-20 हजार – 10

20-25 हजार – 09

25- 30 हजार – 09

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