BJP ने ‘भूपेश’ पर छोड़े सवालों के ‘सियासी बाण’!, PM आवास पर घेरा, देखें VIDEO

By : madhukar dubey, Last Updated : March 11, 2023 | 9:39 pm

रायपुर। वरिष्ठ भाजपा (B J P)  नेता ने प्रधानमंत्री आवास मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) से सवाल पूछा है कि मुख्यमंत्री बने भूपेश बघेल को आज 4.5 साल हो गए हैं। उन्होंने 61 हजार करोड़ कर्ज का बोझ जनता के सिर पर रख दिया है, बावजूद राज्य में मूलभूत सुविधाओं का अभाव क्यों है? प्रदेश की कांग्रेस सरकार लोगों को न छत दे रही है ना पीने के लिए स्वच्छ जल की व्यवस्था कर रही है। सरकार ने आखिर इन कर्ज के पैसों का किया क्या है यह बड़ा गंभीर सवाल है? क्या कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढि़या के नाम पर कर्ज लेकर कांग्रेस पार्टी को घी पिला रही है? अगर ऐसा नहीं है तो गांव गरीब का विकास क्यों नहीं दिखता?। यह बातें आज प्रेसवार्ता में BJP नेताओं ने कही।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूरे देश के राज्यों में गरीबों को पक्का मकान मिल रहा है। परंतु कांग्रेस शोषित आदिवासी, दलित, पिछड़ा वर्ग बाहुल्य छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है। जहां के गरीब पक्के छत के लिए तरस रहा है। प्रधानमंत्री होने के नाते नरेंद्र मोदी ने अपने हिस्से का आर्थिक योगदान राज्य को दे रहे है परंतु भूपेश बघेल की सरकार उदासीन बनी हुई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सदन में 2011 जनगणना के आंकड़े की बात कह कर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। हम तो कहते हैं आपके पूर्व पंचायत मंत्री के इस्तीफे में उल्लेखित 8 लाख आवासहीनों को छत दे दो बाकी, जो सर्वे आप कराओ उन्हें देते रहना। परंतु इस बात पर भूपेश बघेल बगले झांकने लगते हैं।

उनकी कांग्रेस के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि प्रधानमंत्री आवास के तहत गरीबों को मकान ना मिल पाने से दुखी मंत्री ने अपने पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री, वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल व पूर्व मंत्री व भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने पत्रवार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह कर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। वे कितनी भी कोशिश करें, भारतीय जनता पार्टी उन्हें बेनकाब करने से पीछे हटने वाली नहीं है। भूपेश बघेल गरीबों का आवास छीनकर बैठे हैं और आवास योजना में हिस्सेदारी करने की बजाय निराधार बातें करते हैं।

भाजपा नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कुल 20 लाख आवासहीन परिवार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल कर रहे हैं

1. प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य पूरा करने के प्रयास क्यों नहीं किये गए?

2. भाजपा सरकार ने 7.5 लाख आवास बना दिये थे। इसके बाद कांग्रेस ने अब तक कितने आवास बनाये, स्पष्ट और सत्य जानकारी क्यों नहीं दे रहे?

3. नए सर्वे का शिगूफा क्यों?

4. क्या भूपेश बघेल नई आवास योजना बना रहे हैं?

5. अब 9 माह के कार्यकाल में कितने आवासहीन परिवारों को आवास मिलेगा, क्या गारंटी है?

6. पंचायत, ग्रामीण विकास मंत्री सिंहदेव ने इस्तीफा क्यों दिया?

7. सिंहदेव जी ने अपने इस्तीफे में जिन आठ लाख परिवार को आवास न देने का जिक्र किया था। भूपेश जी उन्हें पहले मकान आवंटन प्रारंभ क्यों नहीं कर रहे हैं।

8. नए भारसाधक मंत्री ने आवास निर्माण के लिए अब तक क्या कदम उठाए?

9. आवास योजना के केंद्र के 10 हजार करोड़ से छत्तीसगढ़ को वंचित करने का अपराधी कौन है?

10. प्रधानमंत्री आवास योजना में 4 साल की प्रगति, केंद्रीय प्रयास, राज्य के व्यवधान पर भूपेश सरकार श्वेत पत्र जारी करे।

भाजपा नेताओं ने योजना के बारे में बताया कि दो तरह की आवास योजनाएं चलाई जा रही हैं। (1) ग्रामीण और (2) शहरी। ग्रामीण आवास योजना दो सूची पर आधारित है। इसमें केंद्र का अंश 60 प्रतिशत तथा राज्य की 40 फीसदी भागीदारी निर्धारित की गई है।

छत्तीसगढ़ में 2011 के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर 7,81,999 नए आवास दिये जाने हैं। जिसे स्वीकार करने पूर्व तथा वर्तमान केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंग तोमर तथा गिरिराज सिंग ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। देश में सिर्फ़ छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल ही ऐसे राज्य हैं, जहां 2011 की सूची पूर्ण नहीं हुई है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि 2016 की आवासहीनों की जो सूची है, उसे आवास प्लस कहते हैं। इसमें छत्तीसगढ़ में लगभग 8 लाख लोगों के नाम है। जो कांग्रेस शासनकाल में नहीं बने हैं।

भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास शहरी योजना प्रदेश में तीन भिन्न नामों से संचालित है

मोर ज़मीन – मोर मकान

-जिनके पास स्वयं या पट्टे की ज़मीन हो।

मोर मकान – मोर चिन्हारी

झुग्गी बस्तियों में समूह में आवास बना कर दिया जाता है।

मोर मकान – मोर आस

-चिन्हारी के अंतर्गत समूह में बने आवास को किराये पर रहने वाले आवास हीनों को दिया जा रहा है।

शहरी आवास हेतु तीनों तरह के हितग्राही आवेदन करके या औपचारिकता पूर्ण करके प्रतीक्षारत हैं। चिन्हारी योजना हेतु सरकार रुचि नहीं ले रही।

“आस योजना” में छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र की राशि का उपयोग कर रही है और हितग्राहियों से शेष राशि वसूल रही है। जबकि इसमें चिन्हारी योजना के अनुरूप 2.5 लाख का अनुदान देना चाहिए। भाजपा सरकार में हितग्राहियों को ये आवास 75 हज़ार में दिया जाता था और वह पैसे भी फाइनेंस हो जाते थे।

भाजपा नेताओं ने कहा, भाजपा ने “मोर आवास मोर अधिकार आंदोलन’ चलाकर आवासहीनों की आवाज़ बुलंद की है। हम 8000 से अधिक पंचायतों तक पहुँचे हैं। 9 लाख परिवारों से मिलने पर 7 लाख से अधिक आवेदन एकत्रित हुए हैं।जिन्हें 15 मार्च को मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।

भाजपा नेताओं ने कहा, मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में कहा कि अब तक 8,42,289 आवास पूर्ण हुए हैं जबकि सत्य यह है कि दिसम्बर 2018 में भूपेश सरकार बनी तब तक भाजपा शासन के 3 वर्षों में – 7,56,765 आवास स्वीकृत हो चुके थे तथा निर्मित भी लगभग हो चुके थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सदन में और जनता से मिथ्या भाषण करते है मुख्यमंत्री को ऐसा झूठ शोभा नहीं देता। मुख्यमंत्री के बजट भाषण मे बताया कि 3238 करोड़ इस योजना हेतु बजट में व्यवस्था की गयी है सत्यता यह है कि इसमें से 40 प्रतिशत अर्थात् 1295 करोड़ मात्र ही प्रदेश सरकार द्वारा दिया जा रहा है शेष 60 फीसदी केंद्र सरकार का हिस्सा है।

मुख्यमंत्री ने राज्य के बजट में प्रधानमंत्री आवास शहरी हेतु कोई चर्चा नहीं की है जबकि शहरी क्षेत्रों में कोई पूर्व निर्धारित सूची नहीं है और कोई लिमिट भी नहीं है।अतः नगरीय निकाय द्वारा किए गये प्रस्ताव के सभी हितग्राही पात्र माने जाते हैं।

शहरों में प्रधानमंत्री आवास तीन नामों से संचालित है और इन तीनों के माध्यम से पात्र हितग्राहियों का जो प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है उसमें पूरे प्रदेश से लगभग 4 लाख से अधिक आवासहीन प्रतीक्षा सूची में है और “मोर मकान मोर आस” योजना के अंतर्गत किराए से निवासरत आवासहीनों को 3.25 लाख रुपये देना पड़ रहा है। जबकि भाजपा सरकार में ये 75 हज़ार हुआ करता था। इस योजना में केंद्र सरकार की राशि लगी हुई है, परंतु राज्यांश नहीं दिया जा रहा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि भूपेश बघेल जाते जाते भी झूठ बोलकर गरीबों की आह ले रहे हैं। उनकी सरकार अंतिम सांसें ले रही है।

वे कम से कम अब तो प्रायश्चित कर लें। गरीब को छत नहीं दे पाए, इसके लिए माफी मांग लें। लेकिन वे अब भी राजनीतिक बाजीगरी दिखा रहे हैं तो उनकी मुक्ति नामुमकिन है। भाजपा नेताओं ने कहा कि भूपेश सरकार यह बताएं कि बी.एस.यू.पी. के कितने मकान बने है। उसमें कितने अवैध कब्जा धारी बैठे है। कितने लोगों को मकान अलॉट हुआ। इसकी सूची भी सार्वजनिक होनी चाहिए। इस दौरान पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश सहमीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल उपस्थित थे।